इस्लामाबाद
पाकिस्तानी सेना देश के अंदरूनी हालात से अवाम का ध्यान हटाने के लिए बॉर्डर पर कोई नापाक हरकत की प्लानिंग में है। पाकिस्तान एयरफोर्स ने भी स्कर्दू के बाद मिन्हास एयरफोर्स बेस पर स्वीडन के साब एयरोस्पेस से हाल में ही खरीदे गए अवाक्स (एयरबोर्न वॉर्निंग ऐंड कंट्रोल सिस्टम्स) के नए बेड़े की तैनाती की है। यह एयरबेस भारत के श्रीनगर से 222 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसे में पाकिस्तान की चाल कश्मीर और लद्दाख में भारत के ऑपरेशनल उड़ानों पर नजर रखने की हो सकती है।
साब से पाकिस्तान ने की थी सीक्रेट डील
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa_ ने पाकिस्तान के एक नए अवाक्स प्लेन की तस्वीर जारी की है। जिसे पाकिस्तानी एयरफोर्स ने स्वीडन के साब ग्रुप से खरीदा है। यह डील इतनी सीक्रेट तरीके से फाइनल की गई थी कि इसकी जानकारी न तो पाकिस्तान और न ही साब ने सार्वजनिक की थी। साब ने केवल इतना बताया था कि उसे एक गुमनाम क्लाइंट से अवाक्स प्लेन के लिए ऑर्डर मिले हैं।
क्या होता है अवाक्स सिस्टम
अवाक्स या एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग ऐंड कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट आधुनिक युद्धशैली का बहुत अहम हिस्सा हैं। जब तक ग्राउंड बेस्ड रेडार हमलावर फाइटर प्लेन, क्रूज मिजाइल, और ड्रोन को खोज पाएं ये उनसे पहले ही उन्हें ढूंढ़ लेते हैं। इसके अलावा ये दुश्मन और दोस्त फाइटर प्लेन्स के बीच आसानी से अंतर कर पाते हैं। इनकी मदद से दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखी जा सकती है।
चीन से तनाव के बीच पाक की चाल, लद्दाख के नजदीक तैनात किया जेएफ -17
रणनीतिक रूप से अहम है मिन्हास एयरफोर्स बेस
मिन्हास एयरफोर्स बेस पाकिस्तान के पंजाब सूबे के अटोक में स्थित है। श्रीनगर से इस एयरबेस की दूरी 222 किलोमीटर है। यहां से पाकिस्तानी अवाक्स सिस्टम कश्मीर में भारतीय विमानों की आवाजाही पर पर भी नजर रख सकता है। यहां से उड़ान भरने के बाद पाकिस्तानी लड़ाकू विमान मुश्किल से 5 मिनट में भारतीय वायुसीमा में प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि सीमा पर तैनात भारतीय एयर डिफेंस को वे भेद नहीं सकते।
टू फ्रंट वॉर की तैयारी में पाकिस्तान-चीन
पाकिस्तान और चीन की दोस्ती किसी से छिपी हुई नहीं है। दोनों देश एक साथ मिलकर भारत के साथ टू फ्रंट वॉर की तैयारी में भी जुटे हैं। चीन के कहने पर ही पाकिस्तान ने बरसों से वीरान पड़े स्कर्दू एयरबेस को फिर से एक्टिवेट कर दिया है। इतना ही नहीं, इस एयरबेस पर वह जेएफ-17 लड़ाकू विमानों को भी तैनात किए हुए है। पाकिस्तान के इस एयरबेस का उपयोग चीनी सेना भी करती है।
पाकिस्तानी सेना देश के अंदरूनी हालात से अवाम का ध्यान हटाने के लिए बॉर्डर पर कोई नापाक हरकत की प्लानिंग में है। पाकिस्तान एयरफोर्स ने भी स्कर्दू के बाद मिन्हास एयरफोर्स बेस पर स्वीडन के साब एयरोस्पेस से हाल में ही खरीदे गए अवाक्स (एयरबोर्न वॉर्निंग ऐंड कंट्रोल सिस्टम्स) के नए बेड़े की तैनाती की है। यह एयरबेस भारत के श्रीनगर से 222 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसे में पाकिस्तान की चाल कश्मीर और लद्दाख में भारत के ऑपरेशनल उड़ानों पर नजर रखने की हो सकती है।
साब से पाकिस्तान ने की थी सीक्रेट डील
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa_ ने पाकिस्तान के एक नए अवाक्स प्लेन की तस्वीर जारी की है। जिसे पाकिस्तानी एयरफोर्स ने स्वीडन के साब ग्रुप से खरीदा है। यह डील इतनी सीक्रेट तरीके से फाइनल की गई थी कि इसकी जानकारी न तो पाकिस्तान और न ही साब ने सार्वजनिक की थी। साब ने केवल इतना बताया था कि उसे एक गुमनाम क्लाइंट से अवाक्स प्लेन के लिए ऑर्डर मिले हैं।
क्या होता है अवाक्स सिस्टम
अवाक्स या एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग ऐंड कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट आधुनिक युद्धशैली का बहुत अहम हिस्सा हैं। जब तक ग्राउंड बेस्ड रेडार हमलावर फाइटर प्लेन, क्रूज मिजाइल, और ड्रोन को खोज पाएं ये उनसे पहले ही उन्हें ढूंढ़ लेते हैं। इसके अलावा ये दुश्मन और दोस्त फाइटर प्लेन्स के बीच आसानी से अंतर कर पाते हैं। इनकी मदद से दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखी जा सकती है।
चीन से तनाव के बीच पाक की चाल, लद्दाख के नजदीक तैनात किया जेएफ -17
रणनीतिक रूप से अहम है मिन्हास एयरफोर्स बेस
मिन्हास एयरफोर्स बेस पाकिस्तान के पंजाब सूबे के अटोक में स्थित है। श्रीनगर से इस एयरबेस की दूरी 222 किलोमीटर है। यहां से पाकिस्तानी अवाक्स सिस्टम कश्मीर में भारतीय विमानों की आवाजाही पर पर भी नजर रख सकता है। यहां से उड़ान भरने के बाद पाकिस्तानी लड़ाकू विमान मुश्किल से 5 मिनट में भारतीय वायुसीमा में प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि सीमा पर तैनात भारतीय एयर डिफेंस को वे भेद नहीं सकते।
टू फ्रंट वॉर की तैयारी में पाकिस्तान-चीन
पाकिस्तान और चीन की दोस्ती किसी से छिपी हुई नहीं है। दोनों देश एक साथ मिलकर भारत के साथ टू फ्रंट वॉर की तैयारी में भी जुटे हैं। चीन के कहने पर ही पाकिस्तान ने बरसों से वीरान पड़े स्कर्दू एयरबेस को फिर से एक्टिवेट कर दिया है। इतना ही नहीं, इस एयरबेस पर वह जेएफ-17 लड़ाकू विमानों को भी तैनात किए हुए है। पाकिस्तान के इस एयरबेस का उपयोग चीनी सेना भी करती है।