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कश्‍मीर: पाकिस्‍तान की शह पर ओआईसी ने उगला जहर, भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग

Oic Asks India On Jammu Kashmir: पाकिस्‍तान की शह पर इस्‍लामिक देशों के संगठन OIC ने भारत के खिलाफ फिर से जहरीला बयान दिया है। ओआईसी ने कहा कि भारत जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म करने के फैसले को वापस ले।

Curated byशैलेश कुमार शुक्ला | नवभारतटाइम्स.कॉम 24 Sep 2021, 8:31 am

हाइलाइट्स

  • ओआईसी ने कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान के सुर में सुर मिलाते हुए भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
  • OIC ने न्‍यूयार्क में बैठक करके दुनिया से भारत के कथित अपराधों पर कार्रवाई की मांग की
  • यही नहीं ओआईसी ने भारत को कश्‍मीर में कथित उत्‍पीड़न पर जिम्‍मेदार ठहराए जाने की मांग की
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ओआईसी ने कश्‍मीर पर भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
वॉशिंगटन/इस्‍लामाबाद
मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी ने जम्‍मू-कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान के सुर में सुर मिलाते हुए भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस्‍लामिक सहयोग संगठन (OIC) के कॉन्‍टैक्‍ट ग्रुप ने गुरुवार को न्‍यूयार्क में एक बैठक करके दुनिया से जम्‍मू-कश्‍मीर में भारत के कथित जघन्‍य अपराधों पर पाकिस्‍तान की ओर से जारी डोजियर पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग की। यही नहीं ओआईसी ने भारत को जम्‍मू-कश्‍मीर में सुरक्षा बलों की ओर से कथित रूप से किए जा रहे उत्‍पीड़न पर जिम्‍मेदार ठहराए जाने की मांग की।
इस बैठक की अध्‍यक्षता ओआईसी के महासचिव ने की। बैठक के बाद पाकिस्‍तान के इशारे पर जारी बयान में कहा गया है कि ओआईसी जम्‍मू-कश्‍मीर को लेकर अपनी पहले की स्थिति और प्रस्‍तावों पर कायम है। जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों को संयुक्‍त राष्‍ट्र और ओआईसी की ओर से मान्‍यता प्राप्‍त स्थिति के मुताबिक आत्‍मनिर्णय का हक दिया जाए। ओआईसी ने यह भी कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर वर्ष 1948 से एक अंतरराष्‍ट्रीय मान्‍यता प्राप्‍त विवाद है।
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'5 अगस्‍त 2019 को लागू किए गए सभी फैसलों को वापस लें'
ओआईसी ने यह भी कहा कि दक्षिण एशिया में तब तक शांति नहीं आ सकती है जब तक कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्‍तावों के मुताबिक जम्‍मू-कश्‍मीर मुद्दे का हल न हो जाए। बता दें कि भारत ओआईसी के इस दावे को लगातार खारिज करता रहा है। भारत का कहना है कि जम्‍मू-कश्‍मीर हमारा आंतरिक मामला है और अगर कोई विवाद है तो उसे बातचीत के जरिए सुलझाया जाए। ओआईसी ने भारत के जम्‍मू-कश्‍मीर से आर्टिकल 370 को खत्‍म करने पर भी अपनी खीझ दिखाई।

मुस्लिम देशों के संगठन ने भारत से मांग की है कि वह 5 अगस्‍त 2019 को लागू किए गए सभी फैसलों को वापस ले। जम्‍मू-कश्‍मीर में कथित रूप से हो रहे मानवाधिकार उल्‍लंघनों को रोके और उसकी स्‍वतंत्र जांच कराए। जम्‍मू-कश्‍मीर की जनसंख्‍या को बदलने के प्रयास को रोके। सैयद अली शाह गिलानी के अंतिम संस्‍कार को इस्‍लामिक रीति रिवाज से कराए। कश्‍मीरी नेताओं को जेल से रिहा किया जाए। उधर, भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि अनुच्छेद-370 को निष्क्रिय कर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करना उसका आंतरिक मामला है।
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भारत ने ओआईसी को दिया करारा जवाब
इस बीच भारत ने ओआईसी से कहा है कि ओआईसी अपने मंच का इस्तेमाल उसके आंतरिक मामलों में निहित स्वार्थों वाले लोगों को टिप्पणी करने के लिए नहीं करने दे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अगस्त में कहा था, 'ओआईसी का भारत के अभिन्न अंग केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों में कोई अधिकार नहीं है। हम इस बात को दोहराते हैं कि ओआईसी सचिवालय को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों वाले लोगों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए।'
लेखक के बारे में
शैलेश कुमार शुक्ला
शैलेश कुमार शुक्‍ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय और माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय से पढ़ाई की। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। वार्ता, पीटीआई भाषा, अमर उजाला, नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में करीब 14 साल काम का अनुभव है। इंटरनैशनल डेस्‍क पर कार्यरत हैं। राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति, विज्ञान, रक्षा, पर्यावरण जैसे विषयों के बारे में जानने और लिखने की हमेशा ललक रही है।... और पढ़ें

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