इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सरकार ने अर्थव्यवस्था में मंदी के साथ-साथ मुद्रास्फीति में और इजाफा होने की आशंका जताई है। साथ ही सरकार की तरफ से यह बात भी कबूल कर ली है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक समझौते को अंतिम रूप देने में देरी से देश में आर्थिक संकट पैदा हो रहा है। देश के वित्त मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार शाखा की तरफ से हर महीने आने वाली आउटलुक रिपोर्ट के हवाले से देश के मीडिया ने यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राजनीतिक अस्थिरता की वजह कड़ी महंगाई की आशंका भी और बढ़ गई है।
अभी और बढ़ेगी महंगाई
वित्त मंत्रालय ने अपने मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान के आंकड़े को में कोई बदलाव नहीं किया है। रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की जो तस्वीर पेश की गई है वह काफी निराश करने वाली है। वित्त मंत्रालय की मानें तो अतीत और वर्तमान में जो इशारे मिल रहे हैं, उनके आधार पर कहा जा सकता है कि आर्थिक विकास दर और धीमी हो गई है। इस रिपोर्ट से यह भी पता चला कि पीएम की मुफ्त गेहूं के आटे की सब्सिडी की कुल लागत लगभग 100 अरब रुपए थी, जिसमें 15.6 अरब रुपए सिंध सरकार बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम के तहत लोगों को दे रही थी। पंजाब प्रांत में 64 अरब रुपए गेहूं के आटे की सब्सिडी और खैबर-पख्तूनख्वा को 19.7 अरब रुपए गैर-लक्षित तरीके से देगा।
आईएमएफ के साथ अटकी बातचीत
वित्त मंत्रालय ने कहा, 'मार्च में भी मुद्रास्फीति फरवरी महीने की ही तरह ऊपरी सीमा में रह सकती है जोकि 31.5 फीसदी थी।' हालांकि मंत्रालय ने इस बार कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन कई नकारात्मक उपायों के वजह से बाजार मुद्रास्फीति की दर 36 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। वित्ती मंत्रालय के मुताबिक आईएमएफ कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में देरी से और अधिक परेशानी हो रही है। इस वजह से आर्थिक संकट और गहरा गया है और इसने आर्थिक अनिश्चितता को बढ़ा दिया है।इस वजह से ही मुद्रास्फीति के भी तेजी से बढ़ने की आशंका है। पाकिस्तान 6.5 अरब डॉलर के आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। हालांकि पेट्रोल सब्सिडी और वाणिज्यिक बैंकों से सीधे उधार लेने के प्रयासों जैसे अपने गलत कदमों ने देश के लिए मामलों को और जटिल बना दिया है।
शहबाज का रमजान पैकेज
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने रमजान पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के तहत महंगाई की मार झेल रहे लोगों को मुफ्त में गेहूं का आटा मुहैया कराया जाएगा। इसमें कहा गया है कि पंजाब सरकार ने 64 अरब रुपए आवंटित किए हैं। इससे 15.8 मिलियन गरीब परिवारों को 10 किलो के आटे के तीन बैग मुफ्त दिए जाएंगे। इससे पहले पंजाब की सब्सिडी का अनुमान 53 अरब रुपए था। खैबर-पख्तूनख्वा ने अपने 5.8 मिलियन परिवारों के बीच 10 किलो के तीन गेहूं के आटे के बैग उपलब्ध कराने के लिए 19.7 अरब रुपए की घोषणा की है। बलूचिस्तान सरकार 20 किलो के 0.5 मिलियन आटे के बैग वितरित करेगी।
अभी और बढ़ेगी महंगाई
वित्त मंत्रालय ने अपने मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान के आंकड़े को में कोई बदलाव नहीं किया है। रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की जो तस्वीर पेश की गई है वह काफी निराश करने वाली है। वित्त मंत्रालय की मानें तो अतीत और वर्तमान में जो इशारे मिल रहे हैं, उनके आधार पर कहा जा सकता है कि आर्थिक विकास दर और धीमी हो गई है। इस रिपोर्ट से यह भी पता चला कि पीएम की मुफ्त गेहूं के आटे की सब्सिडी की कुल लागत लगभग 100 अरब रुपए थी, जिसमें 15.6 अरब रुपए सिंध सरकार बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम के तहत लोगों को दे रही थी। पंजाब प्रांत में 64 अरब रुपए गेहूं के आटे की सब्सिडी और खैबर-पख्तूनख्वा को 19.7 अरब रुपए गैर-लक्षित तरीके से देगा।
आईएमएफ के साथ अटकी बातचीत
वित्त मंत्रालय ने कहा, 'मार्च में भी मुद्रास्फीति फरवरी महीने की ही तरह ऊपरी सीमा में रह सकती है जोकि 31.5 फीसदी थी।' हालांकि मंत्रालय ने इस बार कोई आंकड़ा नहीं दिया, लेकिन कई नकारात्मक उपायों के वजह से बाजार मुद्रास्फीति की दर 36 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। वित्ती मंत्रालय के मुताबिक आईएमएफ कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में देरी से और अधिक परेशानी हो रही है।
शहबाज का रमजान पैकेज
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने रमजान पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के तहत महंगाई की मार झेल रहे लोगों को मुफ्त में गेहूं का आटा मुहैया कराया जाएगा। इसमें कहा गया है कि पंजाब सरकार ने 64 अरब रुपए आवंटित किए हैं। इससे 15.8 मिलियन गरीब परिवारों को 10 किलो के आटे के तीन बैग मुफ्त दिए जाएंगे। इससे पहले पंजाब की सब्सिडी का अनुमान 53 अरब रुपए था। खैबर-पख्तूनख्वा ने अपने 5.8 मिलियन परिवारों के बीच 10 किलो के तीन गेहूं के आटे के बैग उपलब्ध कराने के लिए 19.7 अरब रुपए की घोषणा की है। बलूचिस्तान सरकार 20 किलो के 0.5 मिलियन आटे के बैग वितरित करेगी।