इस्लामाबाद
अपने उल्टे-सीधे बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहने वाले पाकिस्तान के साइंस और टेक्नॉलजी मिनिस्टर फवाद चौधरी ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लेकर फिर अपनी खींझ निकाली है। इस बार उन्होंने भारत के स्पेस मिशनों को 'गैरजिम्मेदार' बताते हुए अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस ओर ध्यान देने की अपील की है। इससे पहले, चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने पर चौधरी ने भारत पर तंज कसा था कि जो काम नहीं आता, उसे नहीं करना चाहिए। बता दें कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में पाकिस्तान फिसड्डी है। भारत पर लगाया स्पेस में कचरा फैलाने का आरोप
पाकिस्तानी मंत्री ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'भारत अंतरिक्ष में कचरा फैलाने के बड़ा स्रोत बनता जा रहा है, उसके गैरजिम्मेदार स्पेस मिशन पूरे इको सिस्टम के लिए खतरनाक हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठनों को गंभीरता से इस पर ध्यान देना चाहिए।' फवाद चौधरी को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी माना जाता है।
अपने 'ज्ञान' को लेकर ट्रोल होते रहे हैं पाक के विज्ञान मंत्री
फवाद चौधरी अपने बड़बोलेपन के लिए पाकिस्तान में भी ट्रोल होते रहते हैं। एक बार उन्होंने ट्विटर पर हास्यास्पद दावा किया था कि हब्बल स्पेस टेलिस्कोप को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने नहीं बल्कि पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी SUPARCO ने लांच किया था। इस पर वह बुरी तरह ट्रोल हुए थे। दरअसल, दुनिया के सबसे बड़े स्पेस टेलिस्कोप हब्बल को अमेरिका ने 1990 में लॉन्च किया था।
विक्रम का मलबा मिलने संबंधी NASA के ट्वीट के कुछ घंटे बाद आया ट्वीट
चौधरी का ट्वीट NASA के उस ट्वीट के कुछ घंटे बाद आया है, जिसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि चांद के सतह पर लैंडर विक्रम का मलबा मिल गया है। बता दें कि करीब 3 महीने पहले विक्रम में चांद पर हार्ड लैंडिंग की थी। चन्द्रयान-2 भारत का महत्वाकांक्षी मिशन था और इसके जरिए पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर उतारने की योजना थी जो सफल नहीं पाई।
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में फिसड्डी है पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में फिसड्डी है। उसकी राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी स्पेस ऐंड अपर एटमॉस्फियर रिसर्च कमिशन (SUPARCO) की स्थापना 1961 में हुई थी। उसके 50 साल बाद उसने चीन की मदद से अपना पहला कम्युनिकेशन सैटलाइट लॉन्च किया। पाकिस्तान की भी 2022 तक अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने की योजना है।
अपने उल्टे-सीधे बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहने वाले पाकिस्तान के साइंस और टेक्नॉलजी मिनिस्टर फवाद चौधरी ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लेकर फिर अपनी खींझ निकाली है। इस बार उन्होंने भारत के स्पेस मिशनों को 'गैरजिम्मेदार' बताते हुए अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस ओर ध्यान देने की अपील की है। इससे पहले, चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने पर चौधरी ने भारत पर तंज कसा था कि जो काम नहीं आता, उसे नहीं करना चाहिए। बता दें कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में पाकिस्तान फिसड्डी है।
पाकिस्तानी मंत्री ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'भारत अंतरिक्ष में कचरा फैलाने के बड़ा स्रोत बनता जा रहा है, उसके गैरजिम्मेदार स्पेस मिशन पूरे इको सिस्टम के लिए खतरनाक हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठनों को गंभीरता से इस पर ध्यान देना चाहिए।' फवाद चौधरी को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी माना जाता है।
अपने 'ज्ञान' को लेकर ट्रोल होते रहे हैं पाक के विज्ञान मंत्री
फवाद चौधरी अपने बड़बोलेपन के लिए पाकिस्तान में भी ट्रोल होते रहते हैं। एक बार उन्होंने ट्विटर पर हास्यास्पद दावा किया था कि हब्बल स्पेस टेलिस्कोप को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने नहीं बल्कि पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी SUPARCO ने लांच किया था। इस पर वह बुरी तरह ट्रोल हुए थे। दरअसल, दुनिया के सबसे बड़े स्पेस टेलिस्कोप हब्बल को अमेरिका ने 1990 में लॉन्च किया था।
विक्रम का मलबा मिलने संबंधी NASA के ट्वीट के कुछ घंटे बाद आया ट्वीट
चौधरी का ट्वीट NASA के उस ट्वीट के कुछ घंटे बाद आया है, जिसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि चांद के सतह पर लैंडर विक्रम का मलबा मिल गया है। बता दें कि करीब 3 महीने पहले विक्रम में चांद पर हार्ड लैंडिंग की थी। चन्द्रयान-2 भारत का महत्वाकांक्षी मिशन था और इसके जरिए पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर उतारने की योजना थी जो सफल नहीं पाई।
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में फिसड्डी है पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में फिसड्डी है। उसकी राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी स्पेस ऐंड अपर एटमॉस्फियर रिसर्च कमिशन (SUPARCO) की स्थापना 1961 में हुई थी। उसके 50 साल बाद उसने चीन की मदद से अपना पहला कम्युनिकेशन सैटलाइट लॉन्च किया। पाकिस्तान की भी 2022 तक अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने की योजना है।