इस्लामाबाद: इन दिनों पाकिस्तान की सेना और इसके मुखिया की चर्चा हर तरफ है। नए चीफ के तौर पर जनरल आसिम मुनीर ने कमान संभाल ली है और उनके नाम का ऐलान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से किया गया था। शहबाज देश के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। वही नवाज जो हमेशा सेना से मोर्चा लेते रहे। कभी परवेज मुशर्रफ से उनका टकराव हुआ तो कभी उन्होंने कमर जावेद बाजवा को उनके जेल जाने की वजह करार दिया। साल 1993 में तो नवाज पर अपने ही सेना प्रमुख की हत्या का आरोप तक लगा। इस बात का जिक्र दो साल पहले इमरान खान की सरकार में विज्ञान और तकनीकी मंत्री रहे फवाद चौधरी ने भी किया था। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिफ नवाज जंजुआ की मौत आज भी रहस्य बनी हुई है। जनरल जंजुआ, नवाज के विरोधी थे और दोनों के रिश्ते हमेशा तल्ख रहे थे। कब्र से निकाली गई लाश
16 अगस्त 1991 को जनरल जंजुआ पाकिस्तानी सेना के चौथे प्रमुख नियुक्त हुए थे। आठ जनवरी 1993 को रावलपिंडी कैंट में उनकी मौत हो गई थी। जनरल जंजुआ की मौत आज तक रहस्य बनी हुई है। सुबह जिस समय वह अपने घर में ट्रेडमिल पर जॉगिंग कर रहे थे तो उसी समय उनका निधन हो गया। मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई लेकिन उनके परिवार ने एक प्राइवेट टेस्ट कराया। यह टेस्ट जनरल जंजुआ के हेयर ब्रश पर लगे बाल से हुआ था और अमेरिका में इसे अंजाम दिया गया था। इस टेस्ट में पुष्टि हुई कि जनरल जंजुआ की मौत खतरनाक आर्सेनिक के हाइ लेवल की वजह से हुई थी। जनरल जंजुआ की मौत की जांच करने के लिए अमेरिका, स्विट्जरलैंड और स्कॉटलैंड यार्ड के ऑफिसर्स आए थे। नौ महीने बाद उनके शव को चाकरी स्थित उनकी कब्र से निकाला गया था।
नवाज शरीफ पर शक
नवाज के बाल, नाखून और जो कुछ विसरा में निकला था, खासतौर पर उनके लिवर और दिल को दुनिया की बेस्ट लैब में जांच के लिए भेजा गया था। मौत की वजह हालांकि हार्ट अटैक ही थी। डॉक्टरों ने माना कि निचले या मध्यम स्तर की आर्सेनिक मात्रा की वजह से भी ऐसा हो सकता है। उनके परिवार को शक हुआ कि उन्हें जहर दिया गया था क्योंकि इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित नागरिकों की मौत रहस्यमय तरीके से हुई थी। तत्कालीन पीएम नवाज और सेना प्रमुख के रिश्ते भी ठीक नहीं थे। इसलिए शक की सुई उन पर भी गई थी। नवाज और जंजुआ के बीच कराची में चलाए जा रहे काउंटर-इनर्सेंजी ऑपरेशंस को लेकर मतभेद था। नवाज के विरोधियों ने तो यहां तक कह दिया था कि सेना प्रमुख की मौत के जरिए वह एक राजनेता के तौर पर पूर्व पीएम को तबाह कर देंगे।
जनरल से दुश्मनी
जनरल जंजुआ की पत्नी नुजहत ने तत्कालीन राष्ट्रपति इश्हाक खान और बेनजीर भुट्टो तक से संपर्क किया। उन्होंने आरोप लगाया कि नवाज शरीफ के समर्थकों ने उनके पति का खून कर दिया है। नुजहत का आरोप था कि उनके पति ब्रिगेडियर इम्तियाज के साथ दुश्मनी की वजह से मार दिए गए हैं। ब्रिगेडियर इम्तिजयाज उन दिनों नवाज शरीफ के फेवरिट थे और इंटेलीजेंस ब्यूरो के मुखिया थे।
जंजुआ का आईएसआई चीफ हामिद गुल को लेकर भी पीएम के साथ तनाव चल रहा था। जंजुआ उन दिनों अफगान विद्रोहियों के साथ एक समझौते पर जोर दे रहे थे। वह इस बात को जानकर हैरान रह गए थे कि हेकमतयार उन दिनों में कोर कमांडर गुल से सलाह ले रहे थे और उन्होंने शांति समझौते पर साइन करने से इनकार कर दिया है। नवाज शरीफ मानते थे कि जनरल जंजुआ उन्हें पीएम वाला सम्मान नहीं देते हैं।
आज भी बरकरार रहस्य जनरल जंजुआ ने गुल को इसके बाद नाममात्र का पद दिया और टेक्सला स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्री का चीफ बनाया। गुल ने अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया और नवाज ने उन्हें रक्षा मंत्रालय में पद सौंप दिया। यहीं से नवाज और जंजुआ के बीच विवाद शुरू हो गया। कई लोगों की मानें तो इस मुद्दे की वजह से जनरल जंजुआ राष्ट्रपति से नवाज सरकार को बर्खास्त करने का मन बना चुके थे। नुजहत का कहना था किउनके पति को वेटर्स ने खाने में जहर मिलाकर दिया था। जनरल जंजुआ की मौत का रहस्य आज भी बरकरार है। उनकी मौत को जनरल जिया-उल-हक की मौत से भी ज्यादा रहस्यमय माना जाता है।
16 अगस्त 1991 को जनरल जंजुआ पाकिस्तानी सेना के चौथे प्रमुख नियुक्त हुए थे। आठ जनवरी 1993 को रावलपिंडी कैंट में उनकी मौत हो गई थी। जनरल जंजुआ की मौत आज तक रहस्य बनी हुई है। सुबह जिस समय वह अपने घर में ट्रेडमिल पर जॉगिंग कर रहे थे तो उसी समय उनका निधन हो गया। मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई लेकिन उनके परिवार ने एक प्राइवेट टेस्ट कराया। यह टेस्ट जनरल जंजुआ के हेयर ब्रश पर लगे बाल से हुआ था और अमेरिका में इसे अंजाम दिया गया था। इस टेस्ट में पुष्टि हुई कि जनरल जंजुआ की मौत खतरनाक आर्सेनिक के हाइ लेवल की वजह से हुई थी। जनरल जंजुआ की मौत की जांच करने के लिए अमेरिका, स्विट्जरलैंड और स्कॉटलैंड यार्ड के ऑफिसर्स आए थे। नौ महीने बाद उनके शव को चाकरी स्थित उनकी कब्र से निकाला गया था।
नवाज शरीफ पर शक
नवाज के बाल, नाखून और जो कुछ विसरा में निकला था, खासतौर पर उनके लिवर और दिल को दुनिया की बेस्ट लैब में जांच के लिए भेजा गया था। मौत की वजह हालांकि हार्ट अटैक ही थी। डॉक्टरों ने माना कि निचले या मध्यम स्तर की आर्सेनिक मात्रा की वजह से भी ऐसा हो सकता है। उनके परिवार को शक हुआ कि उन्हें जहर दिया गया था क्योंकि इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित नागरिकों की मौत रहस्यमय तरीके से हुई थी। तत्कालीन पीएम नवाज और सेना प्रमुख के रिश्ते भी ठीक नहीं थे। इसलिए शक की सुई उन पर भी गई थी। नवाज और जंजुआ के बीच कराची में चलाए जा रहे काउंटर-इनर्सेंजी ऑपरेशंस को लेकर मतभेद था। नवाज के विरोधियों ने तो यहां तक कह दिया था कि सेना प्रमुख की मौत के जरिए वह एक राजनेता के तौर पर पूर्व पीएम को तबाह कर देंगे।
जनरल से दुश्मनी
जनरल जंजुआ की पत्नी नुजहत ने तत्कालीन राष्ट्रपति इश्हाक खान और बेनजीर भुट्टो तक से संपर्क किया। उन्होंने आरोप लगाया कि नवाज शरीफ के समर्थकों ने उनके पति का खून कर दिया है। नुजहत का आरोप था कि उनके पति ब्रिगेडियर इम्तियाज के साथ दुश्मनी की वजह से मार दिए गए हैं। ब्रिगेडियर इम्तिजयाज उन दिनों नवाज शरीफ के फेवरिट थे और इंटेलीजेंस ब्यूरो के मुखिया थे।
जंजुआ का आईएसआई चीफ हामिद गुल को लेकर भी पीएम के साथ तनाव चल रहा था। जंजुआ उन दिनों अफगान विद्रोहियों के साथ एक समझौते पर जोर दे रहे थे। वह इस बात को जानकर हैरान रह गए थे कि हेकमतयार उन दिनों में कोर कमांडर गुल से सलाह ले रहे थे और उन्होंने शांति समझौते पर साइन करने से इनकार कर दिया है। नवाज शरीफ मानते थे कि जनरल जंजुआ उन्हें पीएम वाला सम्मान नहीं देते हैं।
आज भी बरकरार रहस्य जनरल जंजुआ ने गुल को इसके बाद नाममात्र का पद दिया और टेक्सला स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्री का चीफ बनाया। गुल ने अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया और नवाज ने उन्हें रक्षा मंत्रालय में पद सौंप दिया। यहीं से नवाज और जंजुआ के बीच विवाद शुरू हो गया। कई लोगों की मानें तो इस मुद्दे की वजह से जनरल जंजुआ राष्ट्रपति से नवाज सरकार को बर्खास्त करने का मन बना चुके थे। नुजहत का कहना था किउनके पति को वेटर्स ने खाने में जहर मिलाकर दिया था। जनरल जंजुआ की मौत का रहस्य आज भी बरकरार है। उनकी मौत को जनरल जिया-उल-हक की मौत से भी ज्यादा रहस्यमय माना जाता है।