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यूरोप के दूषित अंडों का स्कैंडल एशिया पहुंचा, हॉन्ग कॉन्ग भी भेजे गए जानलेवा अंडे

यूरोप में खतरनाक और जानलेवा कीटनाशक युक्त अंडों से जुड़ा फूड स्कैंडल और बड़ा होता जा रहा है। ये दूषित अंडे स्विट्जरलैंड और हॉन्ग कॉन्ग को भी सप्लाई किए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में इनका दायरा और बढ़ सकता है। इन अंडों में फिपरोनिल नाम के प्रतिबंधित रसायन का अंश है, जिससे इंसानों की मौत भी हो सकती है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 12 Aug 2017, 9:22 am
ब्रसल्स
नवभारतटाइम्स.कॉम europes egg contimination scandal widens its reach fifteen eu states and switzerland hong kong found affected
यूरोप के दूषित अंडों का स्कैंडल एशिया पहुंचा, हॉन्ग कॉन्ग भी भेजे गए जानलेवा अंडे

यूरोप में खतरनाक और जानलेवा कीटनाशक युक्त अंडों से जुड़ा फूड स्कैंडल और बड़ा होता जा रहा है। ये दूषित अंडे स्विट्जरलैंड और हॉन्ग कॉन्ग को भी सप्लाई किए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में इनका दायरा और बढ़ सकता है। इन अंडों में फिपरोनिल नाम के प्रतिबंधित रसायन का अंश है, जिससे इंसानों की मौत भी हो सकती है। यूरोपियन कमिशन ने बताया है कि ये दूषित अंडे EU के 15 देशों के अलावा स्विट्जरलैंड और हॉन्ग कॉन्ग में भी पहुंच चुके हैं। ब्रसल्स में कमिशन के एक प्रवक्ता ने बताया कि स्थितियां हर दिन और ज्यादा व्यापक होती जा रही हैं। जांचकर्ताओं द्वारा गिरफ्तार किए गए 2 संदिग्ध अब भी हिरासत में हैं। इससे पहले बेल्जियम और नीदरलैंड्स में कई जगह पर छापेमारी भी की गई। इन अंडों में फिपरोनिल नाम का एक घातक कीटनाशक है, जिसका इस्तेमाल पोल्ट्री फार्म में मुर्गे और मुर्गियों पर किया गया। उन जानवरों पर इन कीटनाशकों का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है जिन्हें इंसान खाते हैं।

यूरोपियन यूनियन के जो देश इन दूषित अंडों से प्रभावित पाए गए हैं उनमें बेल्जियम, नीदरलैंड्स, जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, आयरलैंड, इटली, लक्समबर्ग, पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया और डेनमार्क शामिल हैं। गुरुवार को ब्रिटिश सुपरमार्केट में अंडे व उनसे पदार्थ हटा लिए गए। शुरुआत में कहा गया था कि अभी तक ब्रिटेन में केवल 21,000 दूषित अंडे ही भेजे गए हैं, लेकिन ताजा जांच से पता चला कि सही आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हैं। इनिशल फूड स्टैंडर्डर्स एजेंसी ने बताया कि यह संख्या 7 लाख से ज्यादा है।


जांचकर्ताओं ने डच कंपनी चिकफ्रेंड के 2 निदेशकों को गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि इन दोनों ने प्रतिबंधित कीटनाशकों किसानों तक पहुंचाया। जिस एजेंट के माध्यम से उन्होंने ऐसा किया, उसके घर की भी तलाशी ली जा चुकी है। शुक्रवार को डच मीडिया से बात करते हुए इस एजेंट ने खुद को निर्दोष बताया। निक हरमन्स नाम के इस एजेंट का कहना है कि फरवरी 2016 में उसने चिकफ्रेंड कंपनी के मालिकों से संपर्क खत्म कर दिया था। उसके दावों की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। बेल्जियम की एक कंपनी 'पोल्ट्री विजन' ने स्वीकार किया कि उसने रोमानिया के अपने एक संपर्क के माध्यम से फिपरोनिल नाम का यह प्रतिबंधित कीटनाशक चिकफ्रेंड को मुहैया कराया था।

फिपरोनिल कीटनाशक का इस्तेमाल अक्सर पशु चिकित्सा से जुड़े उत्पादों में किया जाता है। इससे जानवरों की खाल में खून पीने वाले पिस्सू और कीड़े नहीं लगते, लेकिन इसके कारण थायरॉइड हो सकता है और किडनियां भी प्रभावित हो सकती हैं। अगर यह कीटनाशक इंसानों के शरीर में चला जाए तो उनकी मौत भी हो सकती है। जिन जानवरों को इंसान खाते हैं, उनपर और उनसे जुड़े उत्पादों में इसके इस्तेमाल पर दुनियाभर में प्रतिबंध लगा हुआ है। जुलाई में इस स्कैंडल के सामने आने के बाद से ही यूरोप के अलग-अलग हिस्सों में सुपरमार्केट्स से लाखों अंडे हटाए जा चुके हैं। यह मामला अपने आप में अकेला नहीं है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि निगरानी व सावधानी की कमी के कारण खेती के आधुनिक तरीके इंसानों की खाद्य श्रृंखला को कितना ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। पिछले 3 हफ्तों से यह मामला पूरे यूरोप में छाया हुआ है। प्रशासन का कहना है कि इन दूषित अंडों के कारण इंसानों की सेहत को बहुत गंभीर जोखिम नहीं है। यह इत्मीनान दिलाने की भी कोशिश की जा रही है कि स्थितियां पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। इसके बावजूद यह स्कैंडल और बड़ा व व्यापक होता जा रहा है। कई देश इसकी चपेट में आते जा रहे हैं।

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