कीव : यूक्रेन पर रूसी हमले के शुरुआती दिनों में अपने घर के बाहर खड़े एक 62 साल के बुजुर्ग नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बुजुर्ग का नाम ओलेक्जेंडर शेलीपोव था जिनकी हत्या के तीन महीने बाद पकड़े गए आरोपी रूसी सैनिक पर कीव में युद्ध अपराध का मुकदमा चलाया जा रहा है। गुरुवार को 21 साल के आरोपी के सामने अदालत में मारे गए व्यक्ति की विधवा कैटेरीना शेलीपोवा मौजूद रहीं। उन्होंने पूछा, 'क्या तुमने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है?' बीबीसी की खबर के अनुसार रूसी टैंक कमांडर वादिम शिशिमारिन ने महिला को जवाब दिया, 'मैं अपना अपराध स्वीकार करता हूं और माफी मांगता हूं। लेकिन मैं समझ सकता हूं कि आप मुझे माफ नहीं कर पाएंगी।' कैटेरीना ने पूछा, 'प्लीज मुझे बताओ, तुम लोग (रूसी) यहां क्यों आए हो? हमारी रक्षा करने? किससे रक्षा करने? क्या तुम मेरे पति से मेरी रक्षा करोगे जिन्हें तुमने मार दिया?' महिला के इन सवालों का रूसी सैनिक के पास कोई जवाब नहीं था।
रूसी सैनिक के लिए उम्रकैद की मांग
फरवरी में रूस और यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से यह किसी रूसी सैनिक के खिलाफ चलाया जा रहा युद्ध अपराध का पहला मुकदमा है। रूसी सैनिक ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और यूक्रेनी वकील उसके लिए उम्रकैद की मांग कर रहे हैं। बीबीसी से बात करते हुए महिला ने कहा कि उसे सैनिक के लिए बुरा लग रहा है लेकिन वह उसे उसके अपराधों के लिए माफ नहीं कर सकती। उसने उन गोलियों की आवाज सुनी थी जो उसके पति पर चलाई गई थीं जिसके बाद उसने रूसी सैनिक शिशिमारिन को अपने गेट पर हथियारों के साथ देखा था।
महिला ने सुनी गोलियों की आवाज
महिला ने कहा कि पांच मिनट बाद मैंने अपने पति का शव देखा। सिर में गोली लगने से उनकी मौत हो गई थी। मैं तेज-तेज से चिल्लाने लगी। मेरे पति की मौत मेरे लिए सबसे बड़ा नुकसान है। वह मेरे लिए रक्षक थे। 28 फरवरी के दिन को याद करते हुए रूसी सैनिक ने कहा, 'मैं और रूसी सैनिकों का एक छोटा ग्रुप अपनी यूनिट से अलग हो गए थे। वापस लौटने के लिए हमने एक कार को हाईजैक किया। ड्राइविंग करते हुए हमें एक शख्स दिखाई दिया। वह अपने फोन पर बात कर रहा था।'
'मैं उन्हें मारना नहीं चाहता था'सैनिक ने दावा किया कि वह जानलेवा हमला नहीं करना चाहता था क्योंकि वह अपने अधिकारियों के आदेशों का पालन कर रहा था। अदालत में उसने कहा, 'मैंने कम दूरी से गोली चलाई और वह मारे गए।' यूक्रेनी सरकार की ओर से सैनिक के बचाव में नियुक्त किए गए वकील ने बीबीसी को बताया कि कोई भी रूसी अधिकारी उसके संपर्क में नहीं है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि क्रेमलिन को इस केस के बारे 'कोई जानकारी' नहीं है।
रूसी सैनिक के लिए उम्रकैद की मांग
फरवरी में रूस और यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से यह किसी रूसी सैनिक के खिलाफ चलाया जा रहा युद्ध अपराध का पहला मुकदमा है। रूसी सैनिक ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और यूक्रेनी वकील उसके लिए उम्रकैद की मांग कर रहे हैं। बीबीसी से बात करते हुए महिला ने कहा कि उसे सैनिक के लिए बुरा लग रहा है लेकिन वह उसे उसके अपराधों के लिए माफ नहीं कर सकती। उसने उन गोलियों की आवाज सुनी थी जो उसके पति पर चलाई गई थीं जिसके बाद उसने रूसी सैनिक शिशिमारिन को अपने गेट पर हथियारों के साथ देखा था।
महिला ने सुनी गोलियों की आवाज
महिला ने कहा कि पांच मिनट बाद मैंने अपने पति का शव देखा। सिर में गोली लगने से उनकी मौत हो गई थी। मैं तेज-तेज से चिल्लाने लगी। मेरे पति की मौत मेरे लिए सबसे बड़ा नुकसान है। वह मेरे लिए रक्षक थे। 28 फरवरी के दिन को याद करते हुए रूसी सैनिक ने कहा, 'मैं और रूसी सैनिकों का एक छोटा ग्रुप अपनी यूनिट से अलग हो गए थे। वापस लौटने के लिए हमने एक कार को हाईजैक किया। ड्राइविंग करते हुए हमें एक शख्स दिखाई दिया। वह अपने फोन पर बात कर रहा था।'
'मैं उन्हें मारना नहीं चाहता था'सैनिक ने दावा किया कि वह जानलेवा हमला नहीं करना चाहता था क्योंकि वह अपने अधिकारियों के आदेशों का पालन कर रहा था। अदालत में उसने कहा, 'मैंने कम दूरी से गोली चलाई और वह मारे गए।' यूक्रेनी सरकार की ओर से सैनिक के बचाव में नियुक्त किए गए वकील ने बीबीसी को बताया कि कोई भी रूसी अधिकारी उसके संपर्क में नहीं है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि क्रेमलिन को इस केस के बारे 'कोई जानकारी' नहीं है।