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रूस के गुप्त सैन्य ठिकानों को Google Maps ने किया सार्वजनिक? सच्चाई तो जान लीजिए

गूगल ने यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं। गूगल ने रूस में अपने विज्ञापनों की बिक्री को रोक दिया है। इतना ही नहीं, प्रतिबंधों के कारण रूसी यूजर्स गूगल पे की सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। रूस के लगभग सभी सरकारी मीडिया प्लेटफॉर्म्स के यूट्यूब चैनलों पर विज्ञापनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Curated byप्रियेश मिश्र | नवभारतटाइम्स.कॉम 19 Apr 2022, 4:23 pm

हाइलाइट्स

  • गूगल मैप्स सैटेलाइट इमेजरी पर रूसी सैन्य ठिकानों को बिलकुल साफ दिखाने का दावा
  • यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय समर्थित ट्विटर हैंडल ने रूसी सैन्य ठिकानों की कई तस्वीरें ट्वीट की
  • दावा- गूगल मैप्स ने रूस की गुप्त सैन्य और सामरिक सुविधाओं को छिपाना बंद कर दिया है
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नवभारतटाइम्स.कॉम Google Map Russia
गूगल मैप पर रूसी सैन्य अड्डे की तस्वीर
मॉस्को: रूस के यूक्रेन पर हमला (2022 Russian invasion of Ukraine) करने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के गुस्से (Sanctions Against Russia) का सामना करना पड़ रहा है। नाटो में शामिल ये सभी देश यूक्रेन को लगातार आर्थिक और सैन्य मदद (US Ukraine Relations) दे रहे हैं। यही कारण है कि लंबे समय से जारी युद्ध के बावजूद कहीं ज्यादा शक्तिशाली रूस को यूक्रेन में कोई महत्वपूर्ण बढ़त नहीं मिली है। वहीं, आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक प्रतिबंधों के कारण रूस की हालात जरूर खराब हो चुकी है। इस बीच दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी कंपनी गूगल (Google Satellite Maps Imagery in Russia) ने रूस के सभी सैन्य ठिकानों को गूगल मैप (Russia Google Maps) पर सार्वजनिक दिखाना शुरू कर दिया है। कुछ तस्वीरों को शेयर कर दावा किया गया है कि इनमें रूसी मिलिट्री बेस (Russian Military Base on Google Maps) पर तैनात सैन्य हथियार बिलकुल साफ नजर आ रहे हैं।
यूक्रेन समर्थक ट्विटर हैंडल ने किया था दावा
@ArmedForcesUkr नाम के एक ट्विटर हैंडल ने रूसी सैन्य ठिकानों की कुछ तस्वीरों को ट्वीट कर दावा किया था कि अब हर कोई विभिन्न प्रकार के रूसी लॉन्चर, अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल माइन, कमांड पोस्ट और सीक्रेट लैंडफिल देख सकता है, जिसका रिज़ॉल्यूशन लगभग 0.5 मीटर प्रति पिक्सेल है। यूक्रेनी सेना इस ट्विटर हैंडल का जिक्र पहले भी कई बार कर चुकी है। ऐसे में इस ट्विटर हैंडल के दावे पर पूरी दुनिया में चर्चा शुरू हो गई। शेयर की गई तस्वीरों में भी रूसी सैन्य ठिकानें बिलकुल साफ नजर आ रहे थे। एक तस्वीर में तो रूसी एयरफोर्स स्टेशन पर पांचवी पीढ़ी का एसयू-57 लड़ाकू विमान खड़े दिखाई दे रहे हैं।


गूगल ने बवाल बढ़ने पर दी सफाई
गूगल ने बवाल बढ़ने के बाद तुरंत ही सफाई देकर विवाद पर विराम लगाने की कोशिश की। गूगल के प्रवक्ता जेनेविव पार्क ने कहा कि हमने रूस के रणनीतिक सैन्य ठिकानों को दिखाने के लिए अपनी गूगल मैप्स सर्विस में कोई बदलाव नहीं किया है। ये सभी तस्वीरें काफी पहले से गूगल मैप्स पर उपलब्ध हैं। कई एक्सपर्ट्स ने भी बताया है कि यूक्रेन पर हमले के पहले भी रूस के इन सैन्य ठिकानों को हम इतना ही साफ देख सकते थे।


दुनियाभर में गूगल की पॉलिसी एक जैसी नहीं
दरअसल, गूगल पहले से ही संवेदनशील स्थानों, मिलिट्री बेसों को अपने मैप में धुधला दिखाता रहा है। उदाहरण के लिए फ्रेंच एयरफोर्स स्टेशन 705 की तस्वीर को देखा जा सकता है। हालांकि कई ऐसे भी सैन्य अड्डे हैं जिन्हें धुंधला नहीं किया गया है। अमेरिका के नेलिस वायु सेना बेस और कुख्यात एरिया 51 की सैटेलाइट इमेज एकदम साफ है। हालांकि, दुनियाभर के कई देशों के पास गूगल के इन सैटेलाइट तक पहुंच है। भारत में भी लगभग सभी मिलिट्री बेस की तस्वीर को गूगल मैप पर एकदम साफ देखा जा सकता है।
लेखक के बारे में
प्रियेश मिश्र
नवभारत टाइम्स डिजिटल में डिजिटल कंटेंट राइटर। पत्रकारिता में दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला जैसी संस्थाओं के बाद टाइम्स इंटरनेट तक 5 साल का सफर जो इंदौर से शुरू होकर एनसीआर तक पहुंचा है पर दिल गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर और गोरक्षनाथ की धरती गोरखपुर में बसता है। देश-विदेश, अंतरराष्ट्रीय राजनीति/कूटनीति और रक्षा क्षेत्र में खास रुचि। डिजिटल माध्यम के नए प्रयोगों में दिलचस्पी के साथ सीखने की सतत इच्छा।... और पढ़ें

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