ऐपशहर

नौकरी के सपने पर लाखों खर्च करने के बाद यूरोप में 'सड़ने' को मजबूर हैं सैकड़ों पंजाबी युवा

पंजाब के कई युवा अवैध कागजातों पर यूरोपीय देश माल्टा में फंसे हुए हैं। यूरोप में नौकरी पाने का सपना लिए ये युवा जमीन-जायदाद और मेहनत से जोड़े गए लाखों रुपये ट्रैवल एजेंट को देते हैं। बदले में एजेंट उन्हें गैरकानूनी तरीके से अवैध कागजातों पर माल्टा फेंक आता है। यहां नौकरी और पैसे के बिना उन्हें सड़कों पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 3 Apr 2017, 3:26 pm
अलकेश शर्मा, वलेटा/ चंडीगढ़
नवभारतटाइम्स.कॉम several youths from punjab cheated by travel agents languish in malta after spending lakhs for jobs in european countries
नौकरी के सपने पर लाखों खर्च करने के बाद यूरोप में 'सड़ने' को मजबूर हैं सैकड़ों पंजाबी युवा

24 साल के तरसेम सिंह को उम्मीद थी कि जर्मनी जाकर उनकी किस्मत बदल जाएगी। पंजाब के नवांशहर जिले के बांग गांव में रहने वाले तरसेम इसी सपने के साथ जर्मनी के सफर पर रवाना हो गए। इस सफर ने वाकई ही तरसेम की जिंदगी बदल दी, यह अलग बात है कि ऐसे बदलाव की उन्हें कभी चाहत नहीं रही होगी। जर्मनी ले जाने का वादा करके ट्रैवल एजेंट उन्हें लीबिया ले गया और फिर माल्टा में उन्हें फेंक दिया। यहां वलेटा में करीब एक महीने तक दर-दर की ठोकरें खाने बाद अब तरसेम को 6 पंजाबी युवाओं का साथ मिला है। माल्टा के गोज़ो आइलैंड में एक निर्माणस्थल पर बने अवैध कमरे में अब इन 6 युवाओं को एक बिस्तर बांटना पड़ता है। तरसेम के पास कोई स्थायी नौकरी नहीं है और वह किसी तरह अपना गुजर चलाने के लिए छोटे-मोटे काम करने को मजबूर हैं। अच्छे जीवन का सपना लेकर पंजाब से निकलने वाले तरसेम को जिंदगी ऐसी स्थिति में ले आई है कि उन्हें घर छोड़ने का अफसोस होता है। तरसेम दिन-रात यही सोचते रहते हैं कि वह घर से बाहर निकले ही क्यों।

ट्रैवल एजेंट ने दिया झांसा, जर्मनी की जगह माल्टा में फेंका
तरसेम बताते हैं, 'मैं पंजाब के अपने गांव लौटना चाहता हूं, लेकिन मेरे पास पैसे नहीं हैं। वीज़ा की अवधि खत्म हो चुकी है। मुझे हवाईअड्डे पर जाने से डर लगता है। लगता है कि कोई कभी भी मुझे गिरफ्तार कर सकता है। मैं तो जर्मनी जाने के विमान में बैठा था, लेकिन पता नहीं कैसे लीबिया पहुंच गया। इसके बाद लीबिया के एक एजेंट की मदद से जंगल और भू-मध्यसागर पार करके मैं यहां माल्टा पहुंचा।' वह आगे बताते हैं, 'लीबिया का वह एजेंट भी यहीं माल्टा में रहता है। मुझे इटली भेजने के एवज में उसने 2 लाख रुपये मांगे हैं, लेकिन मेरे पिता ने अपनी एक एकड़ जमीन पहले ही बेच दी थी। मुझे विदेश भेजने के लिए 6 लाख रुपयों का इंतजाम करना था और इसके लिए मेरे पिता ने जमीन बेची। मैं सोच रहा हूं कि खुद समुद्र पार करके इटली पहुंच जाऊं।'

धोखाधड़ी की यह इंडस्ट्री है बहुत बड़ी, कई युवा होते हैं शिकार
तरसेम अकेले नहीं हैं, जिनके साथ यह सब कुछ हुआ हो। पंजाब के कई युवा माल्टा में फंसे हैं। यूरोप के किसी देश में नौकरी के मौके खोजने और अपनी व परिवार की जिंदगी बदलने का सपना देखकर इन्होंने पंजाब के ट्रैवल एजेंट्स को 6 से 10 लाख रुपये दिए थे। इतना पैसा खर्च कर भी उनके हाथ धोखा ही आया। माल्टा के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर जोस माइकल सोलर जूलियान स्ट्रीट स्टेशन में नियुक्त हैं। यहां ज्यादातर अवैध विदेशी दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं। सोलर ने बताया, 'यह बहुत बड़ी इंडस्ट्री है। ये लोग गलती से मानव तस्करी करने वालों के चंगुल में फंस जाते हैं और उन्हें यूरोप भेजने के एवज में हजारों यूरो की कीमत चुकाते हैं। उन्हें अच्छी नौकरी दिए जाने का लालच दिया जाता है, लेकिन टूरिस्ट वीज़ा होने के कारण माल्टा पहुंचकर उन्हें कोई काम नहीं मिलता। उन्हें सड़कों पर सोना पड़ता है और कई गिरफ्तार कर लिए जाते हैं। ये लोग अपने घरों को लौटना चाहते हैं, लेकिन डिटेंशन सेंटर्स में फंसे रह जाते हैं।'

नौकरी की जगह मजदूरी, अवैध कागजातों के कारण कर लिए जाते हैं गिरफ्तार
विंस डेबोनो पिछले 25 साल से टूरिस्ट गाइड का काम कर रहे हैं। गैरकानूनी तरीके से पंजाब से यहां आए कई लोगों से उनका साबका पड़ा है। डेबोनो बताते हैं, 'माल्टा छोटा देश है। यहां नौकरी के मौके कम हैं। लेकिन यहां आने वाले इन अवैध आप्रवासियों का यह पहला ठिकाना नहीं होता है। यह तो केवल यूरोपीय मुख्यधारा में जाने के लिए प्रवेशद्वार का काम करता है। कई बार जिस जहाज से वे सफर कर रहे होते हैं, वह खराब हो जाती है और ऐसे में उन्हें यहां आना पड़ता है। कई धोखेबाज ट्रैवल एजेंट्स उन्हें झांसा देकर कहते हैं कि पुलिस उनका पीछा कर रही है और डराकर उन्हें यही छोड़ जाते हैं।' डेबोनो ने बताया कि पिछले कुछ समय से नियमों में बदलाव के कारण यहां गैरकानूनी तरीके से आने वाले लोगों की तादाद में कमी आई है। अब यहां अगर किसी को अवैध तरीके से रहते हुए पाया जाता है, तो उसे आगे यूरोप नहीं जाने दिया जाता। उन्हें पहले डिटेंशन सेंटर्स में रखा जाता है और फिर वापस उनके देश भेज दिया जाता है। माल्टा पुलिस के मुताबिक, अवैध तरीके से आने वाले ज्यादातर पंजाबी युवा भूमध्यसागर की ओर से यहां आते हैं।

यात्रा में लगते हैं 2-3 महीने, कई की रास्ते में ही मौत
सोलर बताते हैं, 'दिल्ली से वे ट्रिपली पहुंचते हैं। फिर घने जंगल पार करने के बाद वे ट्यूनिस पहुंचते हैं। वहां से जहाज या फिर नाव पर बैठकर वे इटली पहुंच जाते हैं। कई लोग इटली नहीं पहुंत पाते और माल्टा चले आते हैं। इस पूरी यात्रा में दो से तीन महीने तक का समय लगता है। ऐसी यात्राओं ने कई लोगों की जान भी ली है। इन मामलों की कहीं रिपोर्ट भी नहीं होती।' पंजाब के एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) हेल्पिंगहेपलेस ने विदेशों में फंसे तरसेम जैसे युवाओं की मदद के लिए आगे आई है। यह NGO अब तक 100 ऐसे युवाओं को वापस लाया है। अब यह संगठन माल्टा में फंसे पंजाबी युवाओं से संपर्क करने की कोशिश में लगा है।

अगला लेख

Worldकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग