वॉशिंगटन: फरवरी में वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक चमकदार रोशनी को पकड़ा था। ये रोशनी एक तारे से आई थी जो सुपरमैसिव ब्लैक होल के बेहद करीब पहुंच गया था। ब्लैक होल ने इस सितारे को टुकड़ों में तोड़ दिया था। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ये दुर्लभ घटना वास्तव में पृथ्वी से 8.5 अरब प्रकाश वर्ष दूर हुई थी। जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु का सिर्फ एक तिहाई था। ये सितारा 8.5 अरब वर्ष पहले टूटा था, जिसे फरवरी में देखा गया था। इस सितारे ने खगोल वैज्ञानिकों को जवाब देने से ज्यादा सवाल खड़े किए हैं। इस चमकदार रोशनी को वैज्ञानिकों ने AT 2022cmc नाम दिया था। पहली बार इस चमकदार रोशनी को 11 फरवरी को कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पालोमर ऑब्जर्वेटरी ने देखा था। जब एक सितारा ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण बल से टूट जाता है तो इसे ज्वारीय व्यधान यानी टाइडल डिसरप्शन इवेंट के रूप में जाना जाता है। अंतरिक्ष में इन्हें हिंसक घटनाओं के रूप में जाना जाता है, जिन्हें खगोलविद पहले भी देख चुके हैं। AT 2022cmc अब तक की सबसे चमकदार और सबसे दूर की रोशनी है।
सीधे पृथ्वी की ओर आई रोशनी
खगोलविदों का मानना है कि ब्लैक होल ने जब सितारे को निगल लिया होगा तो उससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकली होगी। इससे प्रकाश के जेट दूर अंतरिक्ष में फैले होंगे। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि AT 2022cmc इसलिए इतना चमकदार दिखा क्योंकि जेट सीधे पृथ्वी की ओर निकले थे। इसे डॉप्लर-बूस्टिंग प्रभाव के नाम से जाना जाता है। यह खोज सुपर मैसिव ब्लैक होल के विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दे सकती है। इसके साथ ही इस बात का पता भी लगाया जा सकता है कि आखिर ब्लैक होल सितारों को कैसे निगलते हैं?
100 गुना ज्यादा रोशनी
इस घटना को लेकर जर्नल नेचर एस्ट्रोनॉमी एंड नेचर में दो अलग-अलग अध्ययन प्रकाशित हुए हैं। आम तौर जब एक बड़ा सितारा फटता है तो उससे शक्तिशाली एक्स-रे जेट निकलते हैं जो रात में आसमान में सबसे ज्यादा चमकदार होते हैं। खगोलविदों ने इंटरनेशल स्पेस स्टेशन पर एक एक्स-रे टेलीस्कोप न्यूट्रॉन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरआर (NICER) से इस सिग्नल का विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अब तक का सबसे चमकदार गामा रे धमाका है, जो पिछले गामा-रे धमाके से 100 गुना ज्यादा ताकतवर है।
सीधे पृथ्वी की ओर आई रोशनी
खगोलविदों का मानना है कि ब्लैक होल ने जब सितारे को निगल लिया होगा तो उससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकली होगी। इससे प्रकाश के जेट दूर अंतरिक्ष में फैले होंगे। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि AT 2022cmc इसलिए इतना चमकदार दिखा क्योंकि जेट सीधे पृथ्वी की ओर निकले थे। इसे डॉप्लर-बूस्टिंग प्रभाव के नाम से जाना जाता है। यह खोज सुपर मैसिव ब्लैक होल के विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दे सकती है। इसके साथ ही इस बात का पता भी लगाया जा सकता है कि आखिर ब्लैक होल सितारों को कैसे निगलते हैं?
100 गुना ज्यादा रोशनी
इस घटना को लेकर जर्नल नेचर एस्ट्रोनॉमी एंड नेचर में दो अलग-अलग अध्ययन प्रकाशित हुए हैं। आम तौर जब एक बड़ा सितारा फटता है तो उससे शक्तिशाली एक्स-रे जेट निकलते हैं जो रात में आसमान में सबसे ज्यादा चमकदार होते हैं। खगोलविदों ने इंटरनेशल स्पेस स्टेशन पर एक एक्स-रे टेलीस्कोप न्यूट्रॉन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरआर (NICER) से इस सिग्नल का विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अब तक का सबसे चमकदार गामा रे धमाका है, जो पिछले गामा-रे धमाके से 100 गुना ज्यादा ताकतवर है।