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ब्रेन स्कैन पकड़ सकता है खुदकुशी के ख्याल: स्टडी

आम लोगों की तुलना में PTSD से पीड़ित व्यक्ति में खुदकुशी का खतरा अधिक रहता है, लेकिन बेहद खतरे वाले व्यक्ति की पहचान मुश्किल है

पीटीआई 14 May 2019, 5:32 pm
वॉशिंगटन
नवभारतटाइम्स.कॉम DEPRESSION

कोई व्यक्ति खुदकुशी करने जा रहा है, क्या इस बात का पता पहले से ही लगाया जा सकता है? अमेरिका में हुए एक अध्ययन की मानें तो ऐसा संभव है। स्टडी में कहा गया है कि ब्रेन स्कैन के जरिये यह पता चल सकता है कि किसी व्यक्ति को खुदकुशी के ख्याल आ रहे हैं या नहीं। इस स्टडी से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर (PTSD) से पीड़ित व्यक्ति के मन में खुदकुशी के आ रहे विचार से जुड़ा एक रासायन पाया गया है।

आम लोगों की तुलना में PTSD से पीड़ित व्यक्ति में खुदकुशी का खतरा अधिक रहता है, लेकिन बेहद खतरे वाले व्यक्ति की पहचान मुश्किल है। अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया शोध प्रोसिडिंग्स ऑफ द नैशनल अकैडमी ऑफ साइंसेज में पब्लिश हुआ है। उन्होंने mGluR5 का स्तर जांचने के लिए PET तस्वीरों का इस्तेमाल किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि PTSD से पीड़ित लोगों में mGluR5 का स्तर बेहद अधिक है जिससे कोई व्यक्ति एंजायटी और मूड डिसॉर्डर से पीड़ित हो जाता है।

PTSD से पीड़ित लोगों के लिए दो तरह का अप्रूव्ड इलाज है, लेकिन यह जांचने में कि ये प्रभावी हैं या नहीं इसमें कई सप्ताह और महीनों लग सकते हैं। येल की असोसिएट प्रफेसर इरिना ईस्टरलिस ने कहा, 'अगर आपके पास ऐसे लोग हैं जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, तो आप तुरंत रक्तचाप कम करना चाहते हैं। लेकिन PTSD में हमारे पास वह विकल्प नहीं है।'

उन्होंने कहा कि mGluR5 के स्तर की जांच से उन लोगों की पहचान में मदद मिल सकती है जिनमें खुदकुशी का खतरा सबसे अधिक है और उन्हें तुरंत चिकित्सीय मदद दी जा सकती है। इरिना ने साथ ही कहा कि mGluR5 के स्तर को संतुलित रखकर खुदकुशी के खतरे को कम किया जा सकता है।

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