पेइचिंग
मंगल ग्रह पर जीवन की खोज में सिर्फ अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ही नहीं, चीन की CNSA (चाइना नैशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन) का रोवर भी लगा है। फरवरी में मंगल के करीब पहुंचे तियानवेन-1 के रोवर Zhurong ने लाल ग्रह की सतह की नई तस्वीरें और वीडियो लिए हैं। वीडियो में लैंडर मंगल पर उतरने से पहले पैराशूट खोलता दिखता है और फिर लैंडर निकल जाता है।
स्टेट ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के मुताबिक Zhurong नाम चीन में आग के देवता के नाम पर रखा गया है। बयान के मुताबिक, 'ऑर्बिटर और मंगल रोवर अच्छी हालत में काम कर रहे हैं और मंगल से सुरक्षित रिपोर्टिंग कर रहे हैं। उन्होंने दूर से पार्टी (चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी) की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर दुआएं भेजी हैं।'
वहीं, NASA के Mars Reconnaissance Orbiter (MRO) ने भी कुछ हफ्ते पहले अपने HiRISE (High Resolution Imaging Science Experiment) कैमरा से चीन के रोवर की तस्वीरें ली थीं। MRO का यह कैमरा मंगल पर कॉफी टेबल के बराबर के फीचर्स को भी सफाई से देख सकता है। इसके बाद MRO ने लैंडर से अलग गए रोवर और पीछे बने ट्रैक की तस्वीर भी ली थी।
यह 42 दिन से यहां काम में लगा है और अब तक 236 मीटर घूम चुका है। पहली बार 15 मई को चीन ने अपना स्पेसक्राफ्ट मंगल पर लैंड किया था। रिमोट से चल रहा रोवर रैंप से उतरा था जिसके बाद चीन पहला ऐसा देश बन गया जिसने पहले ही मिशन में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर तीनों उतार दिए हैं।
मंगल में Utopia Planitia नाम की जगह पर घूम रहा 6 पहियों का रोवर रेडार की मदद से पानी या बर्फ की तलाश करेगा। इसके साथ ही कभी रहे जीवन के संकेत भी खोजेगा। इसमें लेजर टूल भी हैं जिनकी मदद से यह चट्टानों की केमिस्ट्री को समझेगा। यह सौर ऊर्जा से चलता है और करीब 90 दिन तक यह मंगल की सतह को एक्सप्लोर करेगा। यह कुछ-कुछ वक्त पर चलकर रुकता है।
मंगल ग्रह पर जीवन की खोज में सिर्फ अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ही नहीं, चीन की CNSA (चाइना नैशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन) का रोवर भी लगा है। फरवरी में मंगल के करीब पहुंचे तियानवेन-1 के रोवर Zhurong ने लाल ग्रह की सतह की नई तस्वीरें और वीडियो लिए हैं। वीडियो में लैंडर मंगल पर उतरने से पहले पैराशूट खोलता दिखता है और फिर लैंडर निकल जाता है।
स्टेट ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के मुताबिक Zhurong नाम चीन में आग के देवता के नाम पर रखा गया है। बयान के मुताबिक, 'ऑर्बिटर और मंगल रोवर अच्छी हालत में काम कर रहे हैं और मंगल से सुरक्षित रिपोर्टिंग कर रहे हैं। उन्होंने दूर से पार्टी (चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी) की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर दुआएं भेजी हैं।'
वहीं, NASA के Mars Reconnaissance Orbiter (MRO) ने भी कुछ हफ्ते पहले अपने HiRISE (High Resolution Imaging Science Experiment) कैमरा से चीन के रोवर की तस्वीरें ली थीं। MRO का यह कैमरा मंगल पर कॉफी टेबल के बराबर के फीचर्स को भी सफाई से देख सकता है। इसके बाद MRO ने लैंडर से अलग गए रोवर और पीछे बने ट्रैक की तस्वीर भी ली थी।
यह 42 दिन से यहां काम में लगा है और अब तक 236 मीटर घूम चुका है। पहली बार 15 मई को चीन ने अपना स्पेसक्राफ्ट मंगल पर लैंड किया था। रिमोट से चल रहा रोवर रैंप से उतरा था जिसके बाद चीन पहला ऐसा देश बन गया जिसने पहले ही मिशन में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर तीनों उतार दिए हैं।
मंगल में Utopia Planitia नाम की जगह पर घूम रहा 6 पहियों का रोवर रेडार की मदद से पानी या बर्फ की तलाश करेगा। इसके साथ ही कभी रहे जीवन के संकेत भी खोजेगा। इसमें लेजर टूल भी हैं जिनकी मदद से यह चट्टानों की केमिस्ट्री को समझेगा। यह सौर ऊर्जा से चलता है और करीब 90 दिन तक यह मंगल की सतह को एक्सप्लोर करेगा। यह कुछ-कुछ वक्त पर चलकर रुकता है।