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NASA Black Hole: हबल दूरबीन ने खोजा 'अंतरिक्ष का शैतान', आकार दो करोड़ सूर्य से भी बड़ा, स्पीड ने सबको हैरान किया

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने एक विशालकाय ब्लैक होल की खोज की है। यह ब्लैक होल काफी तेज गति से अंतरिक्ष में भ्रमण कर रहा है। ब्लैक होल स्पीड इतनी ज्यादा है कि हमारे सौर मंडल में यह 14 मिनट में पृथ्वी से चंद्रमा तक की यात्रा कर सकता है।

Edited byप्रियेश मिश्र | भाषा 7 Apr 2023, 10:54 pm
वॉशिंगटन: अमेरिका के नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के मुताबिक करीब दो करोड़ सूर्य के आकार वाले एक अत्यधिक विशालकाय 'ब्लैक होल' ने नये तारों की दो लाख प्रकाश वर्ष की दूरी जितना लंबा एक धुएं जैसा निशान छोड़ा है। नासा के हब्बल स्पेस टेलीस्कोप (दूरबीन) के जरिए अचानक देखे गए इस ब्लैक होल की स्पीड इतनी ज्यादा है कि अगर यह हमारे सौर मंडल के अंदर होता तो यह 14 मिनट में पृथ्वी से चंद्रमा तक की यात्रा कर लेता। ऐसा कुछ भी पहले कभी नहीं देखा गया है, लेकिन इसे नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने दुर्घटनावश कैद कर लिया था।

ब्लैक होल के पिछे दिखे अजीब से निशान


अमेरिका के कनेक्टिकट में न्यू हैवन स्थित येल यूनिवर्सिटी के पीटर वैन डोकुम ने कहा, ''हमें लगता है कि हम ब्लैक होल के पीछे-पीछे एक निशान देख रहे हैं, जहां गैस ठंडी अवस्था में है और यह तारे का निर्माण करने में सक्षम है। इसलिए हम ब्लैक होल के पीछे-पीछे तारे का निर्माण होते देख रहे हैं।'' डोकुम ने कहा, ''हम जो कुछ भी देख रहे हैं वह परिणाम है। जैसा कि (समुद्र में) जहाज के गुजरने के बाद उसके पीछे के जल को देखते हैं, हम वैसी ही आकृति ब्लैक होल के पीछे देख रहे हैं।'' शोधार्थियों ने द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में अपना अध्ययन प्रकाशित किया है।

ब्लैक होल के एक छोर पर आकाशगंगा


डोकुम ने कहा कि एक छोर पर ब्लैक होल है और दूसरे छोर पर इसकी मूल आकाशगंगा है। उन्हें लगता है कि गैस ब्लैक होल की गति के कारण गर्म हो रही है, या इसका कारण ब्लैक होल के चारों ओर मौजूद एक 'डिस्क' से हुआ विकिरण रहा होगा। उन्होंने कहा, ''हमने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था।'' खगोलविदों को संदेह है कि यह घटनाक्रम अत्यधिक विशालकाय ब्लैक होल की कई टक्करों के परिणामस्वरूप हुआ होगा। उन्होंने कहा कि अगला कदम, ब्लैक होल के विस्तार की पुष्टि करने के लिए नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप और चंद्र एक्सरे वेधशाला से इस घटनाक्रम पर नजर रखना होगा।
लेखक के बारे में
प्रियेश मिश्र
नवभारत टाइम्स डिजिटल में डिजिटल कंटेंट राइटर। पत्रकारिता में दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला जैसी संस्थाओं के बाद टाइम्स इंटरनेट तक 5 साल का सफर जो इंदौर से शुरू होकर एनसीआर तक पहुंचा है पर दिल गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर और गोरक्षनाथ की धरती गोरखपुर में बसता है। देश-विदेश, अंतरराष्ट्रीय राजनीति/कूटनीति और रक्षा क्षेत्र में खास रुचि। डिजिटल माध्यम के नए प्रयोगों में दिलचस्पी के साथ सीखने की सतत इच्छा।... और पढ़ें

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