वॉशिंगटन: अमेरिका और कनाडा की सीमा पर स्थित ओंटारियो झील के पास गत 19 नवंबर को सुबह के 3 बजे अचानक से एक तेज हरी रोशनी दिखाई दी। यह रोशनी अंतरिक्ष से आई थी जिसे देखकर लोग दहशत में आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि उन्होंने बिजली की तरह से आई तेज रोशनी से पहले एक हेलिकॉप्टर जैसे ऑब्जेक्ट को चुपचाप हवा में घूमते हुए देखा था। करीब 10 सेकंड के बाद यह चला गया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया कि यह एक छोटा उल्कापिंड था। इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि यह बिजली गिरने जैसी रोशनी की बारिश एक छोटे उल्कापिंड की वजह से हुई थी। इस उल्कापिंड का वैज्ञानिकों ने 3 घंटे पहले ही पता लगाया था। बाद में यह धरती के वातावरण में आ गया और उसमें आग लग गई। इससे उल्कापिंड के सैकड़ों टुकड़े हो गए। नासा ने बताया कि इनमें से ज्यादातर टुकड़े ओंटारियो झील में गिर गए। एजेंसी ने कहा कि इन छोटे टुकड़ों में से कुछ झील के दक्षिणी तट पर जमीन पर भी गिरे हो सकते हैं।
वहीं टोरंटो के पास बने 1,815 फुट ऊंचे सीएन टावर ने भी आकाश से गुजरते हुए इस उल्कापिंड की तस्वीर को अपने कैमरे में कैद किया था। नासा ने बताया कि यह रोशनी की बारिश असाधारण रूप से उन उल्कापिंडों से निकलती है जो ऐस्टरॉइड या सूरज के चक्कर लगाने वाले किसी धूमकेतु के टुकड़े होते हैं। जब ये आसमानी चट्टानें धरती के वातावरण में आती हैं तो वे गरम हो जाती हैं और उनकी रफ्तार धीमी हो जाती है। अत्यधिक घर्षण की वजह से जल उठती हैं और प्रकाश निकलता है। इस रोशनी को आमतौर पर हानिकारक नहीं माना जाता है।
कैसे होती है उल्कापिंडों की बारिश
दुनिया की 7 वेधशालाओं ने इस उल्कापिंड के गिरने को रेकॉर्ड किया। यही नहीं अमेरिका और कनाडा के कम से कम 59 लोगों ने इस उल्कापिंड को गिरते हुए देखने का दावा किया है। ओंटारिओ के एक प्रत्यक्षदर्शी डेरेक बोवेन ने इस उल्कापिंड के गिरने को अपने गोप्रो कैमरे में कैद करने में सफलता हासिल कर ली थी। इस 30 सेकंड के वीडियो में नजर आ रहा है कि उल्कापिंड सिर के ऊपर से गिरता है और उसके पीछे हरी पूंछ भी दिखाई दी। इस रोशनी से आसपास के बादल भी चमक उठे।वहीं टोरंटो के पास बने 1,815 फुट ऊंचे सीएन टावर ने भी आकाश से गुजरते हुए इस उल्कापिंड की तस्वीर को अपने कैमरे में कैद किया था। नासा ने बताया कि यह रोशनी की बारिश असाधारण रूप से उन उल्कापिंडों से निकलती है जो ऐस्टरॉइड या सूरज के चक्कर लगाने वाले किसी धूमकेतु के टुकड़े होते हैं। जब ये आसमानी चट्टानें धरती के वातावरण में आती हैं तो वे गरम हो जाती हैं और उनकी रफ्तार धीमी हो जाती है। अत्यधिक घर्षण की वजह से जल उठती हैं और प्रकाश निकलता है। इस रोशनी को आमतौर पर हानिकारक नहीं माना जाता है।