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Gold Veins: चट्टानों की दरारों के बीच कैसे जमा होता है खरा-सोना? आखिरकार सुलझी 'सुनहरी नसों' की गुत्थी

इकॉनमिक जियॉलजिस्ट्स के लिए यह लंबे समय से दिक्कत रही है। ये नलियों कैसे बनती हैं, इसे समझे बिना इनका पूरा फायदा उठाना मुमकिन नहीं होता है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 2 Jun 2021, 7:26 pm
कभी-कभी सोने की खदान में उम्मीद से भी ज्यादा खजाना निकल आता है। इसके पीछे क्या कारण है, यह पता लगाने में रिसर्चर्स आखिर कामयाब रहे हैं और उनका कहना है कि नैनोपार्टिकल्स के कारण ऐसा होता है। नई रिसर्च में पाया गया है कि सोने की हाई-ग्रेड नलियों में नैनोपार्टिकल क्लस्टर होते हैं। इसकी वजह से धरती की अंदरूनी परतों में मौजूद दरारों में भी सोन की खदान बन जाती है। लैब एक्सपेरिमेंट्स में पहले से पाया गया है कि हाइड्रोथर्मल तरल पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में सोने का घुलना नामुमकिन है जो आगे चलकर मोटी हाई-ग्रेड नलियां बना सके। हाइड्रोथर्मल तरल पदार्थ धरती के क्रस्ट में मौजूद मैग्मा की वजह से गर्म होते हैं। इनमें कई मिनरल और गैसें होती हैं। (जियोसाइंस ऑस्ट्रेलिया)
नवभारतटाइम्स.कॉम nanometer particles explain how are gold veins formed in rock fracture
Gold Veins: चट्टानों की दरारों के बीच कैसे जमा होता है खरा-सोना? आखिरकार सुलझी 'सुनहरी नसों' की गुत्थी


पहली बार मिली इमेज

नई स्टडी प्रसीडिंग्स ऑफ द नैशनल अकैडमी ऑफ साइंसेज में छपी है जिसमें बताया गया है कि इन नलियों में घुला हुआ सोना नहीं है बल्कि तरल के साथ मिले पार्टिकल्स (colloidal) के रूप में होते। मॉन्ट्रियाल की मैकग्रिल यूनिवर्सिटी में अर्थ साइंसेज के डॉक्टोरल कैंडिडेट डंकन मैकलीश का कहना है कि पहली बार ऐसी इमेज मिली है जिससे यह साबित किया जा सकता है कि ये नैनोपार्टिकल कोलॉइड मौजूद हैं। सोना कई तरह से जमा होता है लेकिन किसी भी माइनर के लिए सोने की नलियां मिलना सपने जैसा होता है। (McLeish et al., PNAS, 2021)

क्यों बनी थी पहेली?

ये हाई-ग्रेड सोने की जमी हुई धाराएं चट्टानों की दरारों में होती हैं लेकिन ये कैसे बनती हैं, इसे लेकर जवाब नहीं मिल पाया था। दरअसल, इनमें सोने की मात्रा इतनी ज्यादा होती है कि किसी हाइड्रोथर्मल तरल पदार्थ से सोने का क्रिस्टलाइज होने संभव नहीं माना जा सकता। इनमें सोने की मात्रा 10-30 पार्ट्स प्रति अरब होते हैं। इसमें से सोने को नलियों में जमने में बहुत वक्त लगेगा। इकॉनमिक जियॉलजिस्ट्स के लिए यह लंबे समय से दिक्कत रही है। ये नलियों कैसे बनती हैं, इसे समझे बिना इनका पूरा फायदा उठाना मुमकिन नहीं होता है। (McLeish et al., PNAS, 2021)

नैनोपार्टिकल से बनती हैं नलियां

मैकलीश और उनके साथियों ने ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी (TEM) की मदद से इलेक्ट्रॉन बीम से इमेज बनाई। यह नैनोमीटर तक डिटेक्शन कर सकती है। इन तस्वीरों में सोने के 1-5 नैनोमीटर के पार्टिकल्स मिले जो 30-150 नैनोमीटर के क्लस्टर में थे। इस स्टडी को दुनिया की अलग-अलग खदानों में करने का प्लान है ताकि अगर कहीं कोई और प्रक्रिया चल रही हो, तो उसे भी समझा जा सके। (जियोसाइंस ऑस्ट्रेलिया)

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