वॉशिंगटन, 18 जनवरी (एएफपी) शनि के छल्ले वैज्ञानिकों के अनुमान के हिसाब से बहुत कम उम्र के हैं और वे पिछले एक से 10 करोड़ साल के बीच ही नजर आने शुरू हुए थे। अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कैसिनी अंतरिक्षयान से मिले खोज परिणामों के आधार पर यह जानकारी सामने आई है। सूरज से छठे स्थान पर मौजूद ग्रह का निर्माण 4.5 अरब साल पहले हुआ था और उसके अस्तित्व का अधिकतम समय उन विशेष छल्लों के बिना ही बीता है जिसके लिए उसे आज जाना जाता है। खगोलविदों का मानना है कि संभवत: शनि के चंद्रमाओं के बीच टकराव या एक धूमकेतु के कारण इसका निर्माण हुआ जो ग्रह के करीब ही आ कर बिखरा हो सकता है। इनमें से कुछ सवालों के जवाब कैसिनी के कारण मिल सके हैं। यह अमेरिकी-यूरोपीय अंतरिक्षयान 1997 में भेजा गया था और 2017 में शनि की सतह पर नियोजित ढंग से खत्म हो गया था। मिशन के अंत में कैसिनी 22 बार शनि एवं उसके छल्लों के बीच परिक्रमा कर इतिहास के किसी भी अंतरिक्षयान के मुकाबले उनके सबसे करीब गया। कैसिनी का उड़ान पथ इन छल्लों के गुरुत्वाकर्षण से कैसे प्रभावित हुआ, इसका अध्ययन कर वैज्ञानिक इन छल्लों के भार एवं अनुमानित उम्र का पता लगा सके। सेपियंजा यूनिवर्सिटी ऑफ रोम की प्रमुख अनुसंधानकर्ता लुसियानो लेस ने कहा कि कैसिनी के अंतिम कक्ष में शनि के इतने करीब जाने से ही हम नयी खोजों के लिए माप ले सके। एएफपी नेहा नरेशनरेश
शनि के छल्लों की उम्र खुद ग्रह से भी कम
वॉशिंगटन, 18 जनवरी (एएफपी) शनि के छल्ले वैज्ञानिकों के अनुमान के हिसाब से बहुत कम उम्र के हैं और वे पिछले एक से 10 करोड़ साल के बीच ही नजर आने शुरू हुए थे। अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कैसिनी अंतरिक्षयान से मिले खोज परिणामों के आधार पर यह जानकारी सामने आई है। सूरज से छठे स्थान पर मौजूद ग्रह का निर्माण 4.5 अरब साल पहले हुआ था और उसके अस्तित्व का अधिकतम समय उन विशेष छल्लों के बिना ही बीता है जिसके लिए उसे आज जाना जाता है। खगोलविदों का मानना है कि संभवत: शनि के चंद्रमाओं के बीच
भाषा 18 Jan 2019, 11:04 am