बॉस्टन
पंक्चर होने के बाद टायर के अपनेआप ही ठीक होने की कल्पना बहुत जल्द हकीकत बन सकती है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रबर बनाया है जो ना सिर्फ काफी मजबूत है, बल्कि डैमेज होने पर स्वयं ही ठीक भी हो जाता है। अमेरिका के हार्वर्ड जॉन ए पॉल्सन स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग व अप्लाइड साइंसेज (SEAS) के शोधकर्ताओं ने खुद ही ठीक होनेवाला हाइड्रोजेल बनाया है जो रिवर्सिबल (प्रतिवर्ती) बॉन्ड्स को सम्मिलित करने के लिए पानी पर आश्रित है और क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने में मदद करता है।
शोधकर्ताओं ने बताया, रबर जैसे सूखे पदार्थों में खुद ही ठीक होने की इंजिनियरिंग काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि रबर बहुलकों (Polymers) से बना होता है और अक्सर सहसंयोजकों की वजह से स्थिर रहता है। ये बॉन्ड बहुत मजबूत होते हैं और एकबार टूटने के बाद दोबारा नहीं जुड़ते। स्वयं ही ठीक होनेवाले रबर के निर्माण के लिए टीम को बॉन्ड्स को रिवर्सिबल पॉलिमर्स (प्रतिवर्ती बहुलकों) से जोड़ने की जरूरत थी, ताकि बॉन्ड्स टूटकर खुद ही दोबारा बन जाएं।
SEAS के ली-हेंग काई बताते हैं, 'पिछले शोध में बहुलकों को जोड़ने के लिए रिवर्सिबल हाइड्रोजन बॉन्ड्स का इस्तेमाल हुआ था, लेकिन रिवर्सिबल बॉन्डस की अपेक्षा कोवेलेन्ट बॉन्ड्स कमजोर होते हैं।' काई ने बताया, 'इसके परिणाणस्वरूप यह सवाल उठा कि क्या हम ऐसी चीज बना सकते हैं जो खुद ही ठीक हो सके?' काई और चीन की सिशुआ यूनिवर्सिटी के उनके साथी प्रफेसर जिंगरोंग वू और उनके सहयोगियों ने सहसंयोजक और प्रतिवर्ती दोनों बॉन्ड्स से एक हाइब्रिड टायर बनाया। काई बताते हैं, 'दो प्रकार के ये बॉन्ड्स तात्विक रूप से आपस में नहीं मिलते, जैसे तेल और पानी।'
इन दोनों बॉन्ड्स को एकसाथ बांधने के लिए शोधकर्ताओं ने एक मॉलिक्यूलर रोप (आणविक रस्सी) बनाई। यह रस्सी इन दोनों अमिश्रणीय बॉन्ड्स को एक आणविक सीमा में मिश्रित होने देती है। ऐसा करने पर वे एक पारदर्शी, मजबूत और स्वयं की मरम्मत करनेवाले रबर का निर्माण करने में सक्षम हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक रबर से बननेवाले अन्य उत्पादों में इस्तेमाल हो सकती है। वू कहते हैं, 'कल्पना करिए कि हम इस मटीरियल को टायर बनाने में एक घटक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'अगर आपके टायर पर एक कट लग जाए तो उसे बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह ड्राइविंग के वक्त खुद ही ठीक हो जाएगा।'
पंक्चर होने के बाद टायर के अपनेआप ही ठीक होने की कल्पना बहुत जल्द हकीकत बन सकती है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रबर बनाया है जो ना सिर्फ काफी मजबूत है, बल्कि डैमेज होने पर स्वयं ही ठीक भी हो जाता है। अमेरिका के हार्वर्ड जॉन ए पॉल्सन स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग व अप्लाइड साइंसेज (SEAS) के शोधकर्ताओं ने खुद ही ठीक होनेवाला हाइड्रोजेल बनाया है जो रिवर्सिबल (प्रतिवर्ती) बॉन्ड्स को सम्मिलित करने के लिए पानी पर आश्रित है और क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने में मदद करता है।
शोधकर्ताओं ने बताया, रबर जैसे सूखे पदार्थों में खुद ही ठीक होने की इंजिनियरिंग काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि रबर बहुलकों (Polymers) से बना होता है और अक्सर सहसंयोजकों की वजह से स्थिर रहता है। ये बॉन्ड बहुत मजबूत होते हैं और एकबार टूटने के बाद दोबारा नहीं जुड़ते। स्वयं ही ठीक होनेवाले रबर के निर्माण के लिए टीम को बॉन्ड्स को रिवर्सिबल पॉलिमर्स (प्रतिवर्ती बहुलकों) से जोड़ने की जरूरत थी, ताकि बॉन्ड्स टूटकर खुद ही दोबारा बन जाएं।
SEAS के ली-हेंग काई बताते हैं, 'पिछले शोध में बहुलकों को जोड़ने के लिए रिवर्सिबल हाइड्रोजन बॉन्ड्स का इस्तेमाल हुआ था, लेकिन रिवर्सिबल बॉन्डस की अपेक्षा कोवेलेन्ट बॉन्ड्स कमजोर होते हैं।' काई ने बताया, 'इसके परिणाणस्वरूप यह सवाल उठा कि क्या हम ऐसी चीज बना सकते हैं जो खुद ही ठीक हो सके?' काई और चीन की सिशुआ यूनिवर्सिटी के उनके साथी प्रफेसर जिंगरोंग वू और उनके सहयोगियों ने सहसंयोजक और प्रतिवर्ती दोनों बॉन्ड्स से एक हाइब्रिड टायर बनाया। काई बताते हैं, 'दो प्रकार के ये बॉन्ड्स तात्विक रूप से आपस में नहीं मिलते, जैसे तेल और पानी।'
इन दोनों बॉन्ड्स को एकसाथ बांधने के लिए शोधकर्ताओं ने एक मॉलिक्यूलर रोप (आणविक रस्सी) बनाई। यह रस्सी इन दोनों अमिश्रणीय बॉन्ड्स को एक आणविक सीमा में मिश्रित होने देती है। ऐसा करने पर वे एक पारदर्शी, मजबूत और स्वयं की मरम्मत करनेवाले रबर का निर्माण करने में सक्षम हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक रबर से बननेवाले अन्य उत्पादों में इस्तेमाल हो सकती है। वू कहते हैं, 'कल्पना करिए कि हम इस मटीरियल को टायर बनाने में एक घटक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'अगर आपके टायर पर एक कट लग जाए तो उसे बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह ड्राइविंग के वक्त खुद ही ठीक हो जाएगा।'