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रूस: उल्कापिंड या एलियन नहीं, साइबेरिया में 'रहस्यमय' गड्ढों के पीछे की वजह किसी चेतावनी से कम नहीं

Siberian Craters: बर्फ के बीच तो कहीं मैदान में अचानक क्रेटर नजर आते हैं। ये अचानक कैसे पैदा हो जाते हैं, इसके पीछे की वजह ज्यादा खतरनाक है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 28 Feb 2021, 1:18 pm
पश्चिमी साइबेरिया में पिछले साल अचानक एक विशाल क्रेटर देखा गया था। जियोसाइंसेज में छपी एक स्टडी के मुताबिक रूस के रिसर्चर्स ने बताया है कि धरती की सतह के नीचे मीथेन में होने वाले विस्फोटकों की वजह से 20 मीटर चौड़ा और 30 मीटर गहरा गड्ढा बन गया है। इस ब्लोआउट क्रेटर की तस्वीरें यहां से निकलने वाले ड्रोन विमानों ने लीं और फिर 3डी मॉडलिंग के आधार पर इसके आकार का अनैलेसिस किया गया। दूसरी स्टडीज के साथ इसके नतीजे मिलाने पर पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान के असर से बर्फ पिघलती है और मीथेन गैस रिलीज होती है।
नवभारतटाइम्स.कॉम siberian blowout craters are formed due to degassing of methane with climate change
रूस: उल्कापिंड या एलियन नहीं, साइबेरिया में 'रहस्यमय' गड्ढों के पीछे की वजह किसी चेतावनी से कम नहीं


गर्म होता आर्कटिक

स्टडी में कहा गया है कि आर्कटिक में गर्माहट की वजह से permafrost पिघल रहा है। वायुमंडल में बढ़ती गैसों के कारण जलवायु परिवर्तन भी तेज हो रहा है। रूसी आर्कटिक पश्चिमिी साइबेरिया वाले हिस्से, खासकर यमल और गाइडन पेनिनसुला में permafrost के कारण गैसों का उत्सर्जन हो रहा है। साल 2014-2020 में Oil and Gas Research Institute of the Russian Academy of Sciences (OGRI RAS) के विशेषज्ञों ने यहां स्टडी की।

मीथेन के साथ संबंध

इनके तले में गैस निकलने के सीधे निशान मिले हैं। गैस निकलन की वजह से ये क्रेटर बनते हैं। वहीं, ऐसे जोन जहां यह गैस निकलती है और हवा में मीथेन की मात्रा बढ़ती है, इनके बीच संबंध भी स्थापित किया गया है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी की Sentinel-5p सैटलाइट पर TROPOspheric Monitoring Instrument (TROPOMI) ने इसका डेटा रिकॉर्ड किया है। मीथेन अपने उत्सर्जन के 20 साल में कार्बनडायऑक्साइड की तुलना में जलवायु परिवर्तन में 84 गुना ज्यादा इजाफा करती है। (फोटो: Nature)

चक्र की तरह हो रहा नुकसान

जब हमेशा जमी रहने वाली बर्फ की ऊपरी मिट्टी वाली सतह गर्म होती है और माइक्रोबियल जीवन काम करना शुरू कर देता है, तो ये गैसें रिलीज होती हैं। बर्फ के क्रिस्टल्स में मीथेन मॉलिक्यूल भी होती हैं जो इसके पिघलने से उत्सर्जित होते हैं। रूस में दो-तिहाई हिस्सा permafrost से घिरा है जो साइबेरिया में 1500 मीटर तक गहरा हो सकता है। वैज्ञानिक इस बात की स्टडी कर रहे हैं कि permafrost के पिघलने से कितनी मीथेन और कार्बन डायऑक्साइड रिलीज होती हैं। अभी के आकलन के मुताबिक यह कई अरब टन हो सकता है। इतना 2100 तक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिए काफी है।

blowout crater

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