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Iran Saudi Arabia Relations: इब्राहीम रईसी के राष्ट्रपति बनते ही ईरान का बड़ा कूटनीतिक दांव, सऊदी अरब में वापस भेजेगा अपना राजदूत

तेहरान कल सऊदी अरब में अपना राजदूत भेजने को तैयार है। ऐसा करने के लिए ईरान को रियाद से हरी झंडी की जरूरत है। दोनों देशों के बीच बगदाद में तीन दौर की बातचीत के बाद राजदूतों को भेजने का फैसला लिया गया था।

नवभारतटाइम्स.कॉम 19 Jun 2021, 10:49 pm
तेहरान
नवभारतटाइम्स.कॉम Iran Saudi 011
इब्राहीम रईसी और प्रिंस सलमान

ईरान में सत्ता परिवर्तन होते ही इब्राहीम रईसी के नेतृत्व वाली नई सरकार पहले ही दिन बड़ा कूटनीतिक कदम उठाने जा रही है। ईरान के इस फैसले से पूरे मिडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक हालात बदल सकते हैं। पांच साल तक सऊदी अरब से राजनयिक संबंध तोड़ने के बाद ईरान ने रविवार को फिर से अपने राजदूत को रियाद भेजने का ऐलान किया है। हालांकि, इसके लिए अभी तक सऊदी ने औपचारिक मंजूरी नहीं दी है। ईरान शिया बहुत देश है जिसका कई मुद्दों पर कट्टर सुन्नी देश सऊदी अरब के साथ विवाद है।

सऊदी के साथ फिर से राजनयिक रिश्ते बहाल करेगा ईरान
ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने अंताल्या डिप्लोमेसी फोरम में एक भाषण के दौरान कहा कहा कि तेहरान कल सऊदी अरब में अपना राजदूत भेजने को तैयार है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए ईरान को रियाद से हरी झंडी की जरूरत है। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि उनके विचार में सऊदी अरब के साथ ईरान के संबंधों को बहाल करना संभव था।

बगदाद में ईरान और सऊदी के बीच तीन बार हुई थी बैठक
जरीफ ने कहा कि ईरान ने इराक की राजधानी बगदाद में सऊदी अरब के साथ तीन दौर की बातचीत की थी। इसके बाद ही राजदूत को वापस भेजने का फैसला लिया गया। इस बीच आज शाम को ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथी इब्राहीम रईसी की जीत ने इस ऐलान को और बड़ा बना दिया है। जरीफ ने कहा कि रईसी की जीत के बाद ईरान अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करेगा। जरीफ ने आश्वासन दिया कि नए राष्ट्रपति के आने के बावजूद क्षेत्रीय शक्तियों के साथ सुलह की ईरान की विदेश नीति यथावत रहेगी।

ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रायसी की जीत
ईरान और सऊदी अरब के संबंध कैसे बिगड़े
ईरान और सऊदी अरब के संबंध लंबे समय तक तनावपूर्ण रहे। सऊदी अरब पूरी दुनिया में सुन्नी मुसलमानों का नेता होने का दावा करता है। वहीं, ईरान शिया मुसलमानों का मसीहा बनने का दावा करता है। ईरान में दुनिया के सबसे अधिक शिया मुसलमान रहते हैं। यही कारण है कि पड़ोसी होने के बावजूद दोनों देशों में हमेशा टकराव बना रहा है। साल 2016 में सऊदी अरब ने घरेलू मामलों में अवैध रूप से हस्तक्षेप करने के कथित प्रयासों के आरोप में शिया धर्मगुरु शेख निम्र अल-निम्र को गिरफ्तार कर मार डाला था।


दोनों देशों ने वापस बुलाए अपने-अपने राजदूत
इसके परिणामस्वरूप पूरे ईरान में सऊदी अरब के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए। गुस्साई भीड़ ने तेहरान में स्थित सऊदी अरब के दूतावास पर हमला कर दिया। उपद्रवियों ने पेट्रोल बम फेंककर सऊदी के दूतावास में आग लगा दी। जिसके जवाब में सऊदी अरब ने ईरानी अधिकारियों को तलब कर अपने राजनयिक मिशन की सुरक्षा में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं, गुस्साए सऊदी ने तेहरान में अपना दूतावास बंद कर सभी कर्मचारियों को वापस बुला लिया। तेहरान ने भी इसकी जवाबी कार्रवाई में रियाद से अपने राजदूत को वापस बुला लिया।

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