अबू धाबी
ब्रिटेन ने कोविड के संबंध में अपनी नई ट्रैवल जारी कर दी है, जिसे लेकर यूएई और भारतीय यात्रियों में नाराजगी है। ब्रिटेन ने घोषणा की है कि संयुक्त अरब अमीरात और भारत जैसे कुछ देशों में वैक्सीन लगवा चुके लोगों को यूके में 'Unvaccinated' यानी 'बिना टीका लगवाए हुए' माना जाएगा। नियमों में कहा गया है कि जिन यात्रियों ने पूरी तरह से वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें उड़ान से पहले और देश में पहुंचने के दूसरे और आठवें दिन पीसीआर टेस्ट करवाने होंगे। यात्रियों को ब्रिटेन पहुंचने के बाद अपने पते पर खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रखना होगा।
17 देशों के टीकाकरण को मान्यता
इन नियमों की घोषणा पिछले हफ्ते की गई थी जो 4 अक्टूबर से प्रभावी होंगे। ब्रिटेन का कहना है कि वह 17 अतिरिक्त देशों में दिए गए टीके को मान्यता देगा। इससे पहले यहां सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के देशों में दिए गए टीके को ही वैध माना जाता था। ब्रिटेन के Foreign, Commonwealth & Development Office में मिडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका के मंत्री जेम्स क्लीवरली ने कहा कि ब्रिटेन की सरकार अपनी योजनाओं में यूएई को शामिल करने की व्यवस्था को अंतिम रूप दे रही है।
फैसले पर भारत और यूएई में नाराजगी
एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि कई देशों के पूरी तरह वैक्सीन लगवा चुके यात्रियों को 4 अक्टूबर से देश में आने की मंजूरी दी जाएगी। हम यूएई के नागरिकों और निवासियों को भी इसमें शामिल करने के लिए व्यवस्था को अंतिम रूप दे रहे हैं। इस फैसले से यूएई में रहने वाले ब्रिटेन के प्रवासियों में खासी नाराजगी देखी जा सकती है। ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं। खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग अलग सूची में रखा गया है।
भारतीय छात्र हैं परेशान
चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी। लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। भारत अब भी एम्बर सूची में है। ऐसे में एम्बर सूची को खत्म करने का मतलब है कि केवल कुछेक यात्रियों को ही पीसीआर जांच से छूट मिलेगी। जिन देशों के कोविड-19 टीकों को ब्रिटेन में मंजूरी होगी उसमें भारत शामिल नहीं है। इसका मतलब यह है कि जो भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड टीका लगवा चुके होंगे उन्हें अनिवार्य रूप से पीसीआर जांच करानी होगी तथा तय पतों पर पृथकवास में रहना होगा।
ब्रिटेन में नेशनल इंडियन स्टूडेंट एंड एलुमनाई यूनियन (एआईएसएयू) की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, 'भारतीय छात्र इस बात से परेशान हैं कि उन्हें लगता है कि यह एक भेदभावपूर्ण कदम है क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ के उनके समकक्षों की तुलना में उनके साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है।' भारत सरकार ने पहले ही कहा है कि वह ''पारस्परिक आधार'' पर भारत के वैक्सीन प्रमाणन को मान्यता देने के लिए कई देशों के साथ काम कर रही है।
ब्रिटेन ने कोविड के संबंध में अपनी नई ट्रैवल जारी कर दी है, जिसे लेकर यूएई और भारतीय यात्रियों में नाराजगी है। ब्रिटेन ने घोषणा की है कि संयुक्त अरब अमीरात और भारत जैसे कुछ देशों में वैक्सीन लगवा चुके लोगों को यूके में 'Unvaccinated' यानी 'बिना टीका लगवाए हुए' माना जाएगा। नियमों में कहा गया है कि जिन यात्रियों ने पूरी तरह से वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें उड़ान से पहले और देश में पहुंचने के दूसरे और आठवें दिन पीसीआर टेस्ट करवाने होंगे। यात्रियों को ब्रिटेन पहुंचने के बाद अपने पते पर खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रखना होगा।
17 देशों के टीकाकरण को मान्यता
इन नियमों की घोषणा पिछले हफ्ते की गई थी जो 4 अक्टूबर से प्रभावी होंगे। ब्रिटेन का कहना है कि वह 17 अतिरिक्त देशों में दिए गए टीके को मान्यता देगा। इससे पहले यहां सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के देशों में दिए गए टीके को ही वैध माना जाता था। ब्रिटेन के Foreign, Commonwealth & Development Office में मिडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका के मंत्री जेम्स क्लीवरली ने कहा कि ब्रिटेन की सरकार अपनी योजनाओं में यूएई को शामिल करने की व्यवस्था को अंतिम रूप दे रही है।
फैसले पर भारत और यूएई में नाराजगी
एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि कई देशों के पूरी तरह वैक्सीन लगवा चुके यात्रियों को 4 अक्टूबर से देश में आने की मंजूरी दी जाएगी। हम यूएई के नागरिकों और निवासियों को भी इसमें शामिल करने के लिए व्यवस्था को अंतिम रूप दे रहे हैं। इस फैसले से यूएई में रहने वाले ब्रिटेन के प्रवासियों में खासी नाराजगी देखी जा सकती है। ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं। खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग अलग सूची में रखा गया है।
भारतीय छात्र हैं परेशान
चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी। लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। भारत अब भी एम्बर सूची में है। ऐसे में एम्बर सूची को खत्म करने का मतलब है कि केवल कुछेक यात्रियों को ही पीसीआर जांच से छूट मिलेगी। जिन देशों के कोविड-19 टीकों को ब्रिटेन में मंजूरी होगी उसमें भारत शामिल नहीं है। इसका मतलब यह है कि जो भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड टीका लगवा चुके होंगे उन्हें अनिवार्य रूप से पीसीआर जांच करानी होगी तथा तय पतों पर पृथकवास में रहना होगा।
ब्रिटेन में नेशनल इंडियन स्टूडेंट एंड एलुमनाई यूनियन (एआईएसएयू) की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, 'भारतीय छात्र इस बात से परेशान हैं कि उन्हें लगता है कि यह एक भेदभावपूर्ण कदम है क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ के उनके समकक्षों की तुलना में उनके साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है।' भारत सरकार ने पहले ही कहा है कि वह ''पारस्परिक आधार'' पर भारत के वैक्सीन प्रमाणन को मान्यता देने के लिए कई देशों के साथ काम कर रही है।