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दुबई: पीएम मोदी ने दिया 6R का मंत्र जिससे मिलेगा 'आनंद'

वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में बोलते हुए पीएम मोदी ने एक बार फिर एक नए मंत्र से दुनिया को परिचित कराया है। अलग-अलग शब्दों के पहले अक्षर को जोड़ अपनी बात कहने में माहिर पीएम मोदी ने इस बार 6R का मंत्र दिया है। पीएम मोदी ने सतत विकास की अवधारणा के संदर्भ में बोलते हुए रहा कि आज के समय में इस रास्ते पर छह महत्त्वपूर्ण कदम हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 11 Feb 2018, 4:31 pm
दुबई
नवभारतटाइम्स.कॉम वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में पीएम मोदी।
वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में पीएम मोदी।

वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में बोलते हुए पीएम मोदी ने एक बार फिर एक नए मंत्र से दुनिया को परिचित कराया है। अलग-अलग शब्दों के पहले अक्षर को जोड़ अपनी बात कहने में माहिर पीएम मोदी ने इस बार 6R का मंत्र दिया है। पीएम मोदी ने सतत विकास की अवधारणा के संदर्भ में बोलते हुए रहा कि आज के समय में इस रास्ते पर छह महत्त्वपूर्ण कदम हैं। पीएम मोदी ने छह R यानी रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल, रिकवर, रीडिजाइन और रीमैन्युफैक्चर की बात की। पीएम ने कहा कि इन छह कदमों से हम जिस मंजिल पर पहुंचेंगे वह रिजॉइस यानी आनंद की होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि 'वर्ल्ड गवर्नेंट समिट में मुझे मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाना न सिर्फ मेरे लिए बल्कि 125 करोड़ भारतीयों के लिए भी गर्व की बात है।' पीएम ने कहा कि यूएई में 33 लाख भारतीयों को अपनापन मिला है, इसके लिए भारत आपका कृतज्ञ है। प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई को दुनिया के लिए एक उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी ने एक रेगिस्तान को बदल दिया, यह चमत्कार है। पीएम ने कहा कि विकास के लिए तकनीक के इस्तेमाल में दुबई अपनेआप में बेमिसाल है। आज दुबई आगे बढ़ रहा है तो उसके पीछे संकल्प है। यूएई ने सफल प्रयोगों को लैब तक सीमित नहीं रहने दिया गया।'

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हालांकि पीएम मोदी ने तकनीक के अंधाधुंध इस्तेमाल से खड़े हो रहे संकटों की ओर भी इशारा किया। मिसाइल और बमों के निर्माण में वैश्विक रूप से बढ़ते इन्वेस्टमेंट पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी ने तकनीक के दुरुपयोग के प्रति चेताते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल विकास के लिए होना चाहिए, विनाश के लिए नहीं। पीएम ने कहा कि कभी-कभी ऐसे लगता है कि मानव टेक्नॉलजी को प्रकृति पर विजय का ही नहीं उस से संघर्ष का साधन बनाने की भूल कर रहा है। इसकी कीमत बहुत भारी है। मानवता के भविष्य के लिए हमें प्रकृति के साथ संघर्ष नहीं, सहजीवन का रास्ता चाहिए।

पीएम मोदी ने एक तरह से सतत विकास की अवधारणा पर बल देते हुए कहा कि तमाम विकासों के बावजूद हम आज भी गरीबी और कुपोषण को खत्म नहीं कर पाए हैं। पीएम मोदी ने कुछ लोगों द्वारा साइबर स्पेस को कट्टर बनाने की कोशिशों को लेकर भी अपनी चिंता जताई। पीएम मोदी का इशारा खासकर आतंकी समूहों द्वारा साइबर स्पेस का इस्तेमाल कर ऑनलाइन जिहादियों की भर्ती की तरफ रहा। पीएम मोदी ने गकहा कि आज हमारे सामने गरीबी, बेरोजगारी, एजुकेशन, हाउसिंग और तमाम मानव विपत्तियों से जुड़ी चुनौतियां हैं।



पीएम ने कहा कि इन चुनौतियों पर विजय सिर्फ सबके साथ से ही संभव है। इसीलिए मेरी सरकार का मंत्र 'सबका साथ सबका विकास है'। पीएम ने भारत की कई योजनाओं का जिक्र कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की वृहद तस्वीर खींचने की कोशिश की। पीएम ने आधार योजना का जिक्र करते हुए कहा कि UID अपनी तरह का दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। इससे कई करोड़ की राशि का मिस यूज रुका है। भारत के 65 पर्सेंट लोग 35 वर्ष से कम के हैं। हमने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य बनाया है।

पीएम ने कहा कि 'पिछले महीने भारत के स्पेस प्रोग्राम ने सेंचुरी बनाई है। भारत का मार्स मिशन हॉलिवुड फिल्म की कीमत से भी कम में पुरा हुआ है। मार्स मिशन की लागत सिर्फ 7 रुपये प्रति किमी रही है।' मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय साझेदारी से हम न्यू इंडिया के सपने को साकार करेंगे। वसुधैव कुटुम्बकम भारत का दर्शन रहा है। सबका साथ सबका विकास हमारे लिए विश्व स्तर पर भी लागू होता है।

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